Dainik Athah

राष्ट्रीय स्तर के टीवी चैनलों और अखबारों में निलंबन की खबरें हाईलाइट होने सेयमुना प्राधिकरण की हुई किरकिरी का जिम्मेदार कौन ?

  • यीडा के पांच अधिकारियों का निलंबन बना मीडिया की सुर्खियां
  • खबरों से निवेशकों पर पड़ सकता है बुरा असर-कर्मवीर नागर प्रमुख 

अथाह संवाददाता

नोएडा। यीडा में शासनादेश पर निलंबित किए गए 5 अधिकारियों में से बतौर उदाहरण अगर राजेंद्र भाटी उप महा प्रबंधक के मामले पर नजर डालें तो प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेंद्र भाटी  का तबादला आदेश 30 जून 2023 को यीडा से यूपीसीडा के लिए किया गया था। लेकिन 2 अक्टूबर 2023 को सीईओ श्री अरुण वीर सिंह द्वारा शासन को प्रेषित पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि पांच अधिकारियों में से तीन अधिकारियों को 3 जुलाई 2023 को कार्य मुक्त कर दिया गया है। सीईओ द्वारा प्रशासन को प्रेषित इसी पत्र में यह भी उल्लेख है कि राजेंद्र भाटी उप महाप्रबंधक व अजब सिंह भाटी को उच्च स्तर से निर्देशों के क्रम में कार्य मुक्त नहीं किया गया है। यानि की स्पष्ट है कि राजेंद्र भाटी उपमहाप्रबंधक को कार्यभार मुक्त करने पर रोक हेतु उच्च स्तर से यीडा के लिए किसी तरह के निर्देश जारी किए हुए थे।इसके बाद 20 दिसंबर 2023 को राजेंद्र भाटी की हुई पदोन्नति हेतु शासन से जारी आदेशों से भी स्पष्ट होता है कि राजेंद्र भाटी को कार्यभार मुक्त नहीं किया गया था। पदोन्नति हेतु जारी दिनांक 22 दिसंबर 2023 के पदोन्नति हेतु जारी आदेशों में यह भी स्पष्ट लिखा है कि राजेंद्र भाटी के तैनाती के आदेश पृथक से निर्गत किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 22 दिसंबर 2023 को पदोन्नति हुए पद पर यीडा में ही राजेंद्र भाटी कार्यभार ग्रहण करना इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि शान द्वारा की गई निलंबन की कार्यवाही पूर्णतः दुर्भावना वश है। अगर दूसरे अधिकारियों के निलंबन के मामले को भी गंभीरता से देखा जाए तो शायद कुछ इसी प्रकार का मामला हो सकता है। दुर्भावनावश की गई इस कार्रवाई से वह यीडा भी बदनामी की जद में आ गया जहां अभी तक सीईओ पद पर तैनात श्री अरुण वीर सिंह ने उंगली नहीं उठने दी थी। इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए आखिर शासन उस यीडा की किरकिरी पर क्यों उतारू है जहां देश-विदेश के व्यवसायियों में निवेश की होड लगी है।

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