अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम कार्यकारिणी के छह सदस्यों का चुनाव मंगलवार को निर्विरोध हो गया। 17 अगस्त को कार्यकारिणी चुनाव भाजपा पार्षद राजीव शर्मा की जिद के चलते हंगामें की भेंट चढ़ गया था लेकिन इस बार भाजपा ने ऐसा पाशा फेंका कि राजीव शर्मा भी कार्यकारिणी सदस्य चुन लिए गए। छह में से एक सीट बसपा के नरेश जाटव को मिल गई और पांच पर भाजपा ने अपना कब्जा जमा लिया। बता दें कि 17 अगस्त को प्रस्तावित कार्यकारिणी चुनाव में छह सीटों पर भाजपा ने अपने चार प्रत्याशी उतारे थे। भाजपा दो सीटे अन्य दलों को देना चाहती थी, लेकिन भाजपा पार्षद नहीं माने और आठ पचें भाजपा की ओर से दाखिल हो गए। यानि चार पार्षदों ने पार्टी से ऊपर उठकर दावा ठोक दिया। इस पर सदन में काफी हंगामा हुआ तीन पार्षद मान गए लेकिन राजीव शर्मा नाम वापसी के लिए तैयार नहीं हुए थे।
इस बार भाजपा ने राजीव शर्मा को भी प्रत्याशी बना दिया: भाजपा की ओर से पिछले माह घोषित किए गए प्रत्याशियों में अमित मुदगल, नीरज गोयल, नरेश भाटी और पूनम सिंह के अलावा इस बार राजीव शर्मा को भी प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता में नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव के लिए बैठक बुलाई गई। प्रत्याशियों में भाजपा से पांच, बसपा से एक और आम आदमी पार्टी से एक प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। नाम दाखिल होने के बाद केवल आधे घंटे का समय नाम वापसी के लिए दिया गया। इस बीच भाजपा ने आम आदमी पार्टी के पार्षद मुस्तकीम को नाम वापस लेने के लिए राजी कर लिया। मुस्तकीम के नाम वापस लेने की घोषणा के साथ ही प्रत्याशियों की संख्या छह रह गई और सभी निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए।
ये पार्षद चुने गए कार्यकारिणी सदस्य: नगर निगम कार्यकारिणी के खाली पड़े छह पदों पर भाजपा से राजीव शर्मा, नीरज गोयल, अमित मुदगल, नरेश भाटी और पूनम सिंह के अलावा बसपा के नरेश जाटव निर्वाचित घोषित कर दिए गए। आम आदमी पार्टी के पार्षद मुस्तकीम ने कहा कि उन्होंने सदन का सम्मान करते हुए कार्यकारिणी सदस्य पद के चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया ताकि चुनाव निर्विरोध संपन्न हो सके। कार्यकारिणी चुनाव के बाद भोवापुर से पार्षद आनंद गौतम की मौत पर श्रद्वांजलि सभा का आयोजन किया गया।
डीएम सर्किल पर संपत्ति कर को पार्षदों की ना: श्रद्धांजलि सभा के बाद महापौर सुनीता दयाल की ओर से कहा गया कि सदन द्वारा डीएम सर्किल रेट पर संपत्ति कर की वसूली को लेकर उन्हें शिकायतें मिल रही हैं, जबकि सदन पहले ही संपत्ति न बढ़ाने का निर्णय ले चुका है। इस पर सभी पार्षदों ने हाथ खड़े कर डीएम सर्किल रेट पर संपत्ति कर की वसूली का विरोध किया। ज्यादातर पार्षदों ने कहा कि किसी भी स्थिति में डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर नहीं बढाया जाना चाहिए। ्र
अधिकारियों ने डीएम सर्किल रेट पर संपत्ति कर की पैरवी की: इस दौरान निगम के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर वसूली की व्यवस्था निगम अधिनियम के अंतर्गत लागू की गई है। इसमें भी डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर की वसूली केवल नई संपत्तियों पर लागू की गई है। तमाम सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि एक शहर में दो तरह की संपत्तिकर वसूली की व्यवस्था लागू नहीं की जानी चाहिए। जिन लोगों से डीएम सर्किल रेट के आधार पर कर वसूली की गई है,उनके पैसे को अगले बिल में एडजस्ट किया जाए।
व्यवसायिक संपत्तियों पर संपत्ति कर की जांच होगी: महापौर ने कहा कि तमाम पार्षद भी इस पक्ष में है कि निगम आत्म निर्भर हो। उनकी जानकारी ये है कि जिन व्यवसायिक संपत्तियों पर 50 लाख का संपत्तिकर लगना चाहिए, उन पर आवासीय दर से कर का निर्धारण किया गया है। जब एक बार सदन में यह फैसला पहले ही हो चुका है कि डीएम सर्किल रेट पर संपत्तिकर नहीं लगाया जाएगा, इसके बाद भी डीएम सर्किल रेट की व्यवस्था लागू किया जाना पूरी तरह से सदन का अपमान है। उनके पास सदन बैठक की रिकार्डिंग भी उपलब्ध है। इस बीच महापौर ने एलान किया कि जल्द निगम सीमा के अंतर्गत आने वाली व्यवसायिक संपत्तियों पर संपत्ति कर की जांच करायी जाएगी। यह जांच बाहरी एजेंसी से कराई जाएगी।