Dainik Athah

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर को प्रदेश का डीजीपी और सर्वोच्च पुलिस सेवा मैडल दिया जाये

  • लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने प्रमुख सचिव गृह को लिखा पत्र
  • विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा मैडल और डीजीपी बनाने के लिए वे संस्तुति करते हैं
  • लोनी विधायक ने गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर द्वारा ई-रिक्शा बंद करने के तुगलकी फरमान वापस लेने एवं अपराध का मुद्दा भी उठाया

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद/ लोनी।
हमेशा सुर्खियों में रहने वाले लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर को वायसराय की उपाधि देते हुए उन्हें डीजीपी बनाने के साथ ही सर्वोच्च पुलिस सेवा मैडल देने के लिए अपनी संस्तुति की है।
नंद किशोर गुर्जर ने प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह को मंगलवार को पत्र लिखकर कहा कि जनपद गाजियाबाद में हत्या, बलात्कार, लूट-स्नैचिंग, डकैती, नशा तस्करी, गौहत्याएं प्रतिदिन अखबार की सुर्खियां बन रही है और लोग बुरी तरह दहशत में है। उन्होंने कहा व्यापारी प्रदेश के अन्य जनपदों में पलायन कर रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार आने के बाद जनपद में अपराध पूरी तरह नियंत्रण में था और जनपद में व्यापारी एवं आमजनता बिना भय के अपना जीवन-यापन कर रहे थे। लेकिन पिछले एक वर्ष के दौरान जनपद की कानून व्यवस्था बुरी तरह चरमरा चुकी है थानों की स्थिति यह है कि अपराध के मुकदमे तक बिना जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के दर्ज नहीं किए जा रहे है और उच्चाधिकारियों को वास्तविक की जगह कागजी आंकड़े भेजे जा रहे है जिसकी आप स्वंय एक समिति गठन कर पुष्टि कर सकते है।

गुर्जर ने पत्र में कहा जनपद में कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर को दी गई है लेकिन बजाय कानून व्यवस्था नियंत्रण करने के वे सड़कों पर चलने वाले ई-रिक्शाओं एंव सड़कों से ठेलियों आदि को प्रतिबंधित कर रहे है जो कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों और बाजारों के बीच की कड़ी है। उन्होंने कहा सिटी बसों के अभाव में आम जनता के दैनिक आवागमन का मुख्य माध्यम भी है।
नंद किशोर गुर्जर ने कहा प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए जनपदस्तर पर ई-रिक्शाओं का वितरण किया गया लेकिन आज जनपद के पुलिस आयुक्त जो अपने आवास से आॅफिस जाते है तो पूरी सड़को पर कर्फ्यू लग जाता है जिनकी मंशा आम जनता को त्रस्त कर गरीब और व्यापारियों को भाजपा सरकार से दूर करने की है, इसलिए इन्हें सड़क पर पहले ठेली नजर आई तो उन्हें हटवा दिया, अब उन्हें ई-रिक्शा नजर आया तो उन्हें हटाने के लिए तुगलकी फरमान जारी कर दिया। जब इसका विरोध शुरू हुआ तो उन्होंने संतुलन बनाने के लिए अन्य सड़कों से भी ई-रिक्शा प्रतिबंधित करने के आदेश जारी कर दिए जोकि किसी भी रूप में स्वीकार नहीं हो सकता।

लोनी विधायक ने पत्र में कहा यह फैसला गरीब ई-रिक्शा चालकों को बेरोजगार तो करेगा ही साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी इसका असर पड़ने लगा है और जनपद के व्यापारी वर्ग और आमनमानस ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। इस वर्ग का दोष इतना है कि इन्होंने लोकसभा चुनाव में अपना काम छोड़कर भाजपा प्रत्याशी को विजय बनाने में मुख्य भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा वहीं, गाजियबााद के साहिबाबाद में थोक में कटती गौमाताओं की चीख और जनपद में दुराचार व स्कूल/कॉलेज (एंटी रोमियो स्क्वाड गायब) तक जाने में असुरक्षित महसूस कर रही बेटियों की चीख इनके कानों तक नहीं पहुंच रही है जिसकी बड़ी वजह इनका आॅफिस से बाहर नहीं निकलना, जनसुनवाई के दौरान गैर-हाजिर होना, घटनास्थलों पर नहीं पहुंचना आदि है। इसलिए जनपद की कानून व्यवस्था के दैनिक समीक्षा के स्थान पर वायसराय साहब आजकल ई-रिक्शा और ठेलियों को प्रतिबंधित करने की समीक्षा में लगे हुए है।

नंद किशोर गुर्जर ने इसके साथ ही कहा कि अत: उक्त गंभीर परिस्थितियों को उत्पन्न करने में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वायसराय साहब को सर्वोच्च पुलिस सेवा मेडल से सम्मानित करने एवं यूपी का डीजीपी बनाने हेतु और एक न्यायिक फास्ट ट्रैक कोर्ट का सर्वेसर्वा बनाने की मैं अपनी संस्तुति देता हूं जिससे यह पूरे प्रदेश में अपने मॉडल को लागू कर गरीब, व्यापारी और शोषित वंचितों को फांसी पर लटका सकें और प्रदेश सरकार को जनविरोधी सरकार बनाने के एजेंडे में यह अपने उच्चाधिकारियों के साथ सफल हो सके। नंद किशोर गुर्जर ने इसके साथ ही एक वीडियो भी जारी कर तमाम आरोप लगाये।


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