- अयोध्या से विभिन्न गंतव्यों के लिए दो सौ व ढाई सौ किलोमीटर के रेंज में होगा इलेक्ट्रिक बसों का संचालन
- अयोध्या से प्रयागराज, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, बस्ती, बनारस, प्रयागराज, अमेठी, वाराणसी, लखनऊ, गोंडा व बाराबंकी के लिए बढ़ेगी कनेक्टिविटी
- कई सुविधाओं से लैस रहेंगी बसें, महाकुंभ मेले में अयोध्या से इसी प्रकार की और अधिक बसें संचालित होने की है उम्मीद
- इलेक्ट्रिक बस के संचालन से स्वच्छ ऊर्जा आधारित परिवहन को मिलेगा बल, वायु प्रदूषण में आएगी कमी
अथाह ब्यूरो
अयोध्या। अयोध्या के प्रसिद्ध रामजन्मभूमि मंदिर मे भगवान रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या मे प्रतिदिन लाखों की संख्या मे श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में, श्रद्धालुओं को यातायात की सुविधाएं प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूं तो सैकड़ों बसों का संचालन किया है। मगर, अब देश विदेश से आनेवाले तीर्थयात्रियों को इलेक्ट्रिक बेस्ड एसी बसों की सुविधा प्रदान करने के लिए योगी सरकार ने बीड़ा उठाया है। इसके प्रथम चरण मे अयोध्या से विभिन्न शहरों के लिए 20 एसी बसें चलाने का निर्णय लिया है।
इन शहरों को प्रमुख रूप से चलाई जाएंगी एसी बसें
योगी सरकार की मंशा है कि अयोध्या को प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों से जोड़ा जाए जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम बन सके। इसके लिए सरकार ने अयोध्या से 200 से 250 किमी की दूरी वाले शहरों व धार्मिक स्थलों तक एसी बस चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रथम चरण मे 20 एसी बसें अभी संचालित की जाएंगी। ये बसें अयोध्या से प्रयागराज, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, बस्ती, अमेठी, वाराणसी, लखनऊ, गोंडा व बाराबंकी के बीच संचालित की जाएंगी। इससे इन शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
कई सुविधाओं से लैस होंगी एसी बसें
अयोध्या से शीघ्र प्रारम्भ होने वाली 20 एसी बसें कई सुविधाओं से लैस रहेंगी। महाकुंभ मेले में अयोध्या से इसी प्रकार की और अधिक बसें संचालित होने की है उम्मीद है। इलेक्ट्रिक बस के संचालन से स्वच्छ ऊर्जा आधारित परिवहन को बल मिलेगा, साथ ही इससे सड़क परिवहन में जैविक इंधन युक्त वाहनों के चलने से होने वाले वायु प्रदूषण में कमी आएगी। वातानुकूलित बस होने पर तीर्थ यात्रियों को प्रतिकूल मौसम मे भी तीर्थाटन करने मे सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के अंतर्गत अयोध्या शहर में स्वच्छ-ऊर्जा आधारित सार्वजनिक परिवहन विभाग के कार्यबल में भी विस्तार किया जाएगा।