- मुख्यमंत्री योगी की संगठन की बैठक में सबकुछ दिखा दुरूस्त, लेकिन
- जन प्रतिनिधियों को भी निभानी होगी उप चुनाव में जिम्मेदारी
- पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री की अनदेखी न करने का सीएम योगी दे गये संदेश
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संगठन के साथ बैठक में सबकुछ दुरूस्त नजर आया, लेकिन शायद धरातल पर वह स्थिति नहीं जो दिखाई गई। यदि धरातल पर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उप चुनाव का सफर कांटों भरा हो सकता है। गाजियाबाद आगमन के दौरान सीएम योगी ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह को अपने साथ लाकर संदेश भी दिया कि उनकी अनदेखी न की जाये।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब भाजपा संगठन के साथ बैठक की थी उस समय उनकी परीक्षा में सभी मोर्चे और प्रकोष्ठ पास हो गये। लेकिन वहीं पर बैठे मंडल अध्यक्षों के गले से मोर्चों एवं प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की कही बात उतर नहीं रही थी। इस स्थिति में जमीन पर काम करने की आवश्यकता है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में भी संगठन का जमीन पर कमजोर होना और अति आत्म विश्वास भाजपा को ले डूबा, सीएम योगी ने इसको लेकर सभी को सचेत भी किया। उन्होंने जन प्रतिनिधियों और खासकर विधायकों- सांसदों को भी हिदायत दी कि वे पहले अपने बूथ की चिंता करें। इसके बाद तय है कि विधायकों एवं सांसद को एक एक मंडल दिया जा सकता है।
जिस प्रकार सीएम योगी ने सभी को सचेत किया उससे गाजियाबाद के साथ ही उप चुनाव वाले सभी क्षेत्रों को सीख लेने की आवश्यकता है। हां इस बैठक में एक बात अच्छी थी कि पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं पूर्व सांसद जनरल वीके सिंह को वर्तमान सांसद ने भी सम्मान दिया, वह भी अपनी सीट आॅफर कर, लेकिन वीके सिंह ने आभार के साथ दूसरी सीट ग्रहण कर ली।
जनरल वीके सिंह को लेकर योगी दे गये बड़ा संदेश
पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनकी ही गाड़ी से बैठक में शामिल होने पहुंचे और उनके साथ ही वापस भी गये। वीके सिंह को अपने साथ लाने के साथ ही उन्होंने संगठन से भी कहा कि वीके सिंह का क्षेत्र में उपयोग करो। पूर्व सैनिकों के साथ ही अन्य स्थानों पर जहां उनका कार्यक्रम लगाया जायेगा वे उसमें पहुंचेंगे। इस प्रकार उन्होंने गाजियाबाद संगठन को स्पष्ट रूप से बता दिया कि जनरल वीके सिंह का महत्व पहले भी था, अब भी है और आगे भी रहेगा। इसको लेकर पूरे क्षेत्र में जोरदार चर्चा है। हालांकि यह भी बता दें कि सीएम योगी के साथ ही अन्य प्रमुख लोगों के साथ उनका निरंतर संवाद है।
आखिर अपना दर्द बयां कर ही गये कार्यकर्ता
भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में पार्टी के सत्ता में होने के बावजूद बड़ा दर्द है। दर्द हो भी क्यों न जब उनकी सुनवाई थानों और पुलिस अफसरों के यहां नहीं होती हो। एक जिम्मेदार कार्यकर्ता कहते हैं कि सबसे बड़े अफसर तो कभी ठीक से बात नहीं करते। उन्होंने संगठन के प्रमुख लोगों एवं कुछ जन प्रतिनिधियों को छांटा हुआ है कि केवल उनकी ही सुननी है, दूसरों को तो लज्जित होकर वापस लौटना पड़ता है।