- शिव भक्त विशेश्वर के दुग्धाभिषेक और जलधार के लिए रात से ही पंक्तिबद्ध हुए श्रद्धालु
- आस्था में डूबी है तीनों लोकों से न्यारी भगवान शंकर की काशी
- श्रावण मास के पांचवें सोमवार को बाबा का श्रृंगार एवं श्रावण पूर्णिमा वार्षिक झूला श्रृंगार होगा
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावण मास में दूसरी बार लिया था श्री काशी विश्वनाथ धाम व तैयारियों का जायजा
- सीएम का निर्देश- श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने और सुगम दर्शन में न हो परेशानी
- सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी से रखी जाएगी निगरानी, चप्पे चप्पे पर तैनात रहेगी पुलिस
- अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ, जल पुलिस और चिकित्सकों की टीम भी पूरी तरह मुस्तैद
- वृद्धजनों और दिव्यांगों के लिए रहेगी ई -रिक्शा की नि:शुल्क व्यवस्था
अथाह संवाददाता
वाराणसी। श्रावण मास का आज अंतिम सोमवार है। शिव की नगरी काशी में शिवार्चन के लिए आस्थावान रात से ही जुटने लगेंगे। सावन के अंतिम और पांचवें सोमवार को बाबा का शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार एवं श्रावण पूर्णिमा वार्षिक झूला श्रृंगार होगा। भक्त बाबा के इस विशेष स्वरूप का भी दर्शन-पूजन करेंगे। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को काशी पुराधिपति का अलग-अलग स्वरूप का श्रृंगार किया जा रहा है। वहीं श्रावण मास के आखिरी सोमवार के पहले शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। उन्होंने स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन व मंदिर के पदाधिकारियों से कहा था कि श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने और सुगम दर्शन में कोई परेशानी न हो। सावन के अंतिम सोमवार को गोदौलिया और मैदागिन से विश्वनाथ मंदिर तक नो व्हीकल जोन रहेगा। दोनों ही छोर से वृद्धजनों और विकलांगों के लिए ई -रिक्शा की नि:शुल्क व्यवस्था रहेगी। सावन के अंतिम सोमवार को भी कांवड़ियों और शिव भक्तों का रेड कॉरपेट और पुष्पवर्षा के साथ स्वागत होगा। नेमि दर्शनार्थियों को सुबह और शाम 4 से 5 बजे तक काशी द्वार से प्रवेश दिया जाएगा।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस-प्रशासन मुस्तैद
तीनों लोकों से न्यारी काशी भगवान शंकर की आस्था में सराबोर है। श्रावण मास के अंतिम सोमवार को शिव भक्त विशेश्वर के दुग्धाभिषेक और जलधार के लिए रात से ही पंक्तिबद्ध हो गए। श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि श्रावण मास के पांचवें सोमवार को श्री विशेश्वर के शंकर-पार्वती, गणेश श्रृंगार एवं श्रावण पूर्णिमा वार्षिक झूला श्रृंगार होगा। भक्त बाबा के इस स्वरूप का दर्शन कर पाएंगे। अंतिम और पांचवें सोमवार के साथ ही रक्षाबंधन का भी पर्व है, इसलिए स्थानीय भक्तों के आने की संभावना अधिक है। भक्तों की सहूलियत और भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए बैरिकेडिंग की गई है। मंदिर परिसर में भी क्यूइंग के लिए भी बैरिकेड्स की व्यवस्था की गई है।
वृद्धजनों व दिव्यांगों के लिए चलेगा नि:शुल्क ई-रिक्शा
सीएम योगी के निर्देश पर वृद्धजनों और दिव्यांगों के लिए मैदागिन और गोदौलिया से नि:शुल्क ई -रिक्शा चलाया जाएगा। योगी सरकार के निदेर्शानुसार धाम में बारिश और धूप से बचने के लिए जर्मन हैंगर लगा है। पानी और कूलर की भी व्यवस्था है। भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन ने गुड़ और पानी के साथ अल्पाहार की भी व्यवस्था की है।
सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस फोर्स
सीएम योगी ने प्रशासन व पुलिस को निर्देश दिया है कि श्रावण मास का आखिरी सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा हो सकता है, लिहाजा भक्तों की सुविधा, सुगम दर्शन के साथ सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। इसके दृष्टिगत चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। यहां सीसीटीवी से निगरानी भी रखी जाएगी। अग्निशमन विभाग ,एनडीआरएफ, जल पुलिस और चिकित्सकों की टीम भी मुस्तैद रहेगी ।
श्रावण के पांच सोमवार को विभिन्न स्वरूप में हुआ बाबा का श्रृंगार
श्रावण मास के हर सोमवार को विभिन्न स्वरूप में बाबा का श्रृंगार किया गया। प्रथम सोमवार को बाबा विश्वनाथ के चल प्रतिमा के स्वरूप का श्रृंगार हुआ था। शिव भक्तों ने सावन के दूसरे सोमवार को अपने बाबा के विशेष स्वरूप गौरी शंकर (शंकर पार्वती ) का दर्शन कर आशीर्वाद लिया था। सावन के तीसरे सोमवार को बाबा अर्धनारीश्वर स्वरूप में प्रकट हो कर भक्तों को दर्शन दिए थे। चौथे सोमवार को बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार किया गया था।