Dainik Athah

नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस हो सकते हैं अंतरिम प्रधानमंत्री

भारत छोड़कर यूरोप जा सकती है शेख हसीना

हिंदू समाज की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष चिंतित

अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ल।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपना देश छोड़कर फिलहाल भारत में हैं और ऐसी खबरें हैं कि वह यहां से लंदन जा सकती हैं। बांग्लादेश में सेना के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन करने की तैयारी चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं। उधर भारत सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर करीबी से नजर रखे हैं। केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर पूरी स्थिति पर चर्चा की।
बांग्लादेश में लगातार चल रहे हिंसक आंदोलन के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को बंगभवन में छात्र आंदोलन के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की और देश की मौजूदा स्थिति के साथ अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा की। इन नेताओं में शामिल एक नेता के हवाले से बताया गया कि राष्ट्रपति और छात्र आंदोलन के नेताओं के बीच बैठक मंगलवार शाम को शुरू हुई। इस दौरान विरोधी छात्र आंदोलन के 13 सदस्यों का एक समूह ने मौजूदा स्थिति और अंतरिम सरकार के गठन के बारे में बंगभवन में राष्ट्रपति और तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ बैठक की है। बता दें कि बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम प्रशासन के गठन के लिए रास्ता बनाने के लिए संसद को भंग कर दिया है।
मीडिया रिपेर्ट के अनुसार अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस का नाम छात्र नेताओं ने आगे किया है, वहीं युनूस ने कहा बांग्लादेश में ‘अंतरिम सरकार’ का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।
इसी बीच भारत में रह रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शेख हसीना अगले 48 घंटों में भारत छोड़ सकती है। शेख हसीना की यात्रा के लिए प्रबंध भी किया गया है। सूत्रों के अनुसार वे भारत से यूरोप जा सकती हैं। हसीना वर्तमान में गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस में सैफ हाऊस में है।
बांग्लादेश की हिंसा पर भारत सरकार करीब नजर बनाये हुए हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्ष को वर्तमान स्थिति और केंद्र सरकार के रूख की जानकारी दी। विपक्षी दलों ने हिंदू समाज की सुरक्षा को लेकर चिंता जताने के साथ ही कहा कि वे केंद्र सरकार के साथ है।


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