- मुख्यमंत्री का निर्देश, बंद सिनेमाघरों के पुनसंर्चालन, मल्टीप्लेक्स विहीन जिलों में मल्टीप्लेक्स निर्माण, एकल छविगृह निर्माण के लिए अनुदान योजना तैयार करें
- आमजनता के लिए मनोरंजन के साधनों में सिनेमाघरों की बड़ी भूमिका
- सिनेमाघरों के लिए निर्धारित न्यूनतम सीटों की संख्या की शर्त में व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए रियायत दी जानी चाहिए: मुख्यमंत्री
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बंद सिनेमाघरों के पुनसंर्चालन, मल्टीप्लेक्स विहीन जिलों में मल्टीप्लेक्स निर्माण, एकल छविगृह निर्माण के लिए अनुदान योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को राज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता के मनोरंजन के प्रमुख साधनों में सिनेमा की बड़ी भूमिका है। नए दौर में बदलती तकनीक के साथ प्रदेश में एकल स्क्रीन वाले पुराने सिनेमाघर या तो बंद हो गए हैं अथवा उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे सिनेमाघरों के पुनर्जीवन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन योजना लाई जानी चाहिए। इससे लोगों को मनोरंजन के साधन की सहज उपलब्धता तो होगी ही, निवेश और रोजगार सृजन की दृष्टि से भी यह उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि योजना ऐसी हो जिससे कि बंद अथवा संचालित सिनेमाघरों के स्थान पर व्यावसायिक काम्पलेक्स व कम क्षमता के सिनेमाघरों का निर्माण, बंद सिनेमाघरों को यथास्थिति में पुन: संचालित करने, व्यावसायिक गतिविधि सहित अथवा गैर व्यावसायिक गतिविधि वाले एकल स्क्रीन सिनेमाघर का निर्माण के लिए निवेशकों को प्रोत्साहन मिले। उनके लिए अनुकूल अवसर तैयार हो सके। सिनेमाघरों के लिए निर्धारित न्यूनतम सीटों की संख्या की शर्त में व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए रियायत दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में मल्टीप्लेक्स सिनेमाहॉल की संस्कृति तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में प्रदेश के 39 जिलों में मल्टीप्लेक्स नहीं हैं, जबकि 10 जिले ऐसे भी हैं जहां कोई एकल स्क्रीन अथवा मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर नहीं है। नई योजना में ऐसे प्राविधान रखें कि मल्टीप्लेक्स निर्माण के लिए भी निवेशक प्रोत्साहित हों। निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रमों की भांति सरकार द्वारा इन्हें भी अनुदान दिया जाना चाहिए। जिन जिलों में पहले से मल्टीप्लेक्स संचालित हैं, यदि वहां नए मल्टीप्लेक्स के इच्छुक निवेशक आते हैं तो उनके लिए भी अनुदान का प्रावधान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य कर विभाग को सम्बंधित सेक्टर के निवेशकों तथा अन्य स्टेक होल्डरों से संवाद करते हुए यथाशीघ्र प्रोत्साहन योजना तैयार करने के निर्देश दिए।