- सीएम योगी ने लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के दिये निर्देश
- संतोषजनक जवाब न मिलने पर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ हो सकती है बड़ी कार्रवाई
- लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकनगर और बलिया के अधिकारियों से तलब किया स्पष्टीकरण
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। सरकारी कार्यों में हीलाहवाली करने वाले लापरवाह अधिकारी लगातर सीएम के निशाने पर बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार में लिप्त और कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के लिए लगातार सख्त एक्शन ले रहे हैं। इसी के तहत सीएम योगी ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों से स्पष्टीकरण तलब किया है। इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। बताया जा रहा है कि अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो सीएम योगी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं।
सीएम ने लखनऊ के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञ से किया जवाब तलब
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम से कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण सौंपने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। राहत आयुक्त ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम एफआर राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम एफआर त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम एफआर सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गयी है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम एफआर नितीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम एफआर देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पियुष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गयी है।
संतोषजनक जवाब न मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई
राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
जनहित के काम में भारी पड़ी लापरवाही, बांदा के नरेनी एसडीएम निलंबित
- उप जिलाधिकारी, नरैनी (बांदा) विकास यादव पर गिरी गाज, कदाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित
- एसडीएम ने की जनहित के प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही, पदीय दायित्वों का नहीं किया सम्यक निर्वहन, शासन की छवि धूमिल करने का भी है आरोप
- प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ के तहत जारी है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई
- फिरोजाबाद में बड़ी कार्रवाई के बाद अब बांदा में चला मुख्यमंत्री योगी का चाबुक
- फिरोजाबाद के सिरसागंज तहसील में अवैध तरीके से जमीन हड़पने के मामले में 5 अधिकारी और कर्मचारी हो चुके हैं निलंबित
- लापरवाह व अक्षम अधिकारियों के खिलाफ एक और कार्रवाई कर मुख्यमंत्री ने दिया बड़ा संदेश
उत्तर प्रदेश में सुशासन को सुनिश्चित कर रही योगी सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई का दौर जारी है। फिरोजाबाद में एसडीएम और नायब तहसीलदार सहित 05 अधिकारियों के निलंबन के एक दिन बाद गुरुवार को सीएम योगी ने बांदा के नरैनी में तैनात उप जिलाधिकारी (एसडीएम) विकास यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विकास यादव पर जनहित के मामलों में लापरवाही, बरतने और पर्यवेक्षणीय उदासीनता बरतने और कदाचार के कारण यह कार्रवाई की गई है। एसडीएम विकास यादव को पदीय दायित्वों के सम्यक निर्वहन में अक्षम पाया गया है, साथ ही शासन की छवि धूमिल करने का भी आरोप उन पर लगा है। निलंबन अवधि के दौरान विकास यादव उप जिलाधिकारी आयुक्त व सचिव, राजस्व परिषद उ.प्र के लखनऊ कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।
विभागीय जांच होगी, दायर होगा आरोप पत्र
निलंबन अवधि के दौरान विकास यादव को केवल आधा वेतन मिलेगा और महंगाई भत्ते के भुगतान समेत तमाम सुविधाओं से वंचित रहना होगा। उन्हें अब विभागीय जांच का सामना करना होगा तथा उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि फिरोजाबाद के अंतर्गत सिरसागंज तहसील में गलत ढंग तरीके से भूमि का विक्रय करने व संदिग्ध रूप से अपने करीबियों को जमीन दिलाने के मामले में भी योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की थी। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, यहां के उप जिलाधिकारी, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल और पेशकार को निलंबित करने के ससाथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ जिलाधिकारी को एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए गए थे।