राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद ने शुरू की तैयारी, अपट्रॉन पावरट्रॉनिक्स लिमिटेड को सौंपा गया है जिम्मा
निविदा के माध्यम से एजेंसी की कायार्वंटन प्रक्रिया को किया जाएगा पूरा, अपट्रॉन में पहले इंपैनल्ड कंपनियों को मिलेगा मौका
राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद की वेबसाइट पर आॅब्जर्वेशन रिपोर्ट को अपलोड करने की प्रक्रिया होगी और सुदृढ़
एजेंसी निर्धारण व कायार्वंटन के बाद 180 दिनों में डिजिटल प्लैटफॉर्म के विकास की प्रक्रिया को किया जाएगा पूरा
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिकता का समावेश करते हुए क्वॉलिटी एजुकेशन बेस्ड टीचिंग प्रॉसेस पर फोकस कर रही है। इसी क्रम में, अब सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश के सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) संस्थानों के रेगुलर मॉनिटरिंग प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का विकास किया जाएगा। राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद ने इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए अपट्रॉन पावरट्रॉनिक्स लिमिटेड को डिजिटल प्लैटफॉर्म के विकास का जिम्मा सौंपा है। उल्लेखनीय है कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद की वेबसाइट पर आॅब्जर्वेशन रिपोर्ट को अपलोड करने की प्रक्रिया और सुदृढ़ होगी। डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास के लिए अपट्रॉन में पहले से ही इंपैनल्ड एजेंसियों को मौका मिलेगा जिसे कायार्वंटन के बाद 180 दिनों की कार्यावधि में टास्क को पूरा करना होगा।
स्पेशलाइज्ड इंटीग्रेटेड पोर्टल का होगा विकास
इस परियोजना का व्यापक लक्ष्य उत्तर प्रदेश में आईटीआई के लिए एक विशिष्ट एकीकृत डिजिटल पोर्टल का विकास करना है। यह व्यापक पोर्टल विभिन्न मॉड्यूलों में आईटीआई के कुशल निरीक्षण के साथ ही रिपोर्टिंग प्रक्रिया की गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ाएगा और संस्थान के भीतर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। इसके जरिए निरीक्षण प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण, बेहतर डाटा प्रबंधन व विश्लेषण, आॅन-साइट डाटा संग्रह और मोबाइल एक्सेसिबिलिटी जैसी प्रक्रिया को बढ़ावा देगा। वहीं, डॉक्यूमेंट्स के सेंट्रलाइज्ड डाटाबेस के तौर पर मौजूदा प्रणालियों के साथ सहज एकीकरण को भी यह बढ़ाएगा।
विभिन्न निरीक्षण रिपोर्ट्स को कंपाइल करने में मिलेगी मदद
डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास के जरिए आईआईटी में होने वाले निर्माण कार्यों की निरीक्षण, शिक्षा गुणवत्ता निरीक्षण, व्यावहारिक परीक्षा निरीक्षण, लिखित परीक्षा निरीक्षण, बुनियादी ढांचे का निरीक्षण और इन्वेंट्री निरीक्षण रिपोर्ट बनाने में मदद मिलेगी। यह मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से आॅनसाइट डाटा संग्रह के साथ एकीकृत होता है। इसके साथ ही, जियोलोकेशन टैगिंग से डाटा एनालाइजिंग क्षमता में भी वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, प्रैक्टिकल परीक्षा निरीक्षण और रिपोर्ट मॉड्यूल के भीतर, उपयोगकर्ता को प्रैक्टिकल परीक्षाओं की निगरानी और मूल्यांकन की सुविधा भी मिलेगी। मॉड्यूल में सुरक्षित परीक्षा संचालन, परिणाम प्रविष्टि और विश्लेषण के लिए पैरामीटर शामिल हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रैक्टिकल परीक्षाएँ ईमानदारी और निरंतरता के साथ आयोजित हो रही हैं, और परिणाम तुरंत रिपोर्ट किए जा रहे हैं।
लिखित परीक्षा निरीक्षण में भी मिलेगी मदद
डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास के जरिए परीक्षाओं के पेपर के निर्माण, ग्रेडिंग और विश्लेषण की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा। इसमें परीक्षा पत्र के निरीक्षण, स्वचालित ग्रेडिंग और गहन परिणाम विश्लेषण के लिए पैरामीटर भी होंगे। मॉड्यूल मूल्यांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ प्रदर्शन प्रवृत्तियों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि भी प्रदान करेगा। मॉड्यूल यह भी सुनिश्चित करेगा कि कि संरचना का पर्याप्त रखरखाव किया जा रहा है और सभी मानकों का अनुपालन हो रहा है।
कई नेक्स्ट जेनेरेशन खूबियों से लैस होगा प्लेटफॉर्म
वैसे, डिजिटल प्लेटफॉर्म को जिस कार्ययोजना के अनुसार विकसित किया जा रहा है उसके अनुसार उसे विभिन्न नेक्स्ट जेनेरेशन एबिलिटीज से लैस करने की तैयारी की जा रही है। इस प्रक्रिया के जरिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को डिजिटल लॉगबुक, रोल बेल्ड एक्सेस कंट्रोल, यूजर रजिस्ट्रेशन, अकाउंट हैंडलिंग केपेबिलिटी, लॉग इन व लॉग आउट फीचर, डाटा इन्क्रिप्शन, एक्सेस कंट्रोल, आॅथेंटीकेशन, डाटा बैकअप, डाटा प्राइवेसी कॉम्पलायंस, आॅनसाइट डाटा लोकेशन, जियो टैगिंग, जीपीएस इंटीग्रेशन, मैपिंग इंटीग्रेशन, आॅटोमेटिक टैगिंग, वेलिडेशन चेक्स, आॅफलाइन फंक्शनलिटी, डाटा स्टोरेज, सिंक्रोनाइजेशन, कॉन्फ्लिक्ट रिजोल्यूशन, डाटा इंटीग्रिटी जैसी खूबियों से लैस किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया में 77 लाख से ज्यादा का व्यय होने की संभावना है।