Dainik Athah

सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण जरूरी : सिन्हा

  • आईआईएसएसएम के सर्टिफाइड सिक्युरिटी प्रैक्टिशनर (सीएसपी) कोर्स की शुरूआत


अथाह ब्यूरो, नई दिल्ली। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ सिक्युरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के लिए रोजाना बदल रही तकनीकों का प्रशिक्षण लेना अत्यधिक जरूरी है। यह उनके निजी और व्यावसायिक उन्नति के लिए आवश्यक है। यदि सुरक्षा से जुड़े लोग प्रशिक्षित रहेंगे तो समाज और देश सुरक्षित रहेगा। श्री सिन्हा आज यहाँ इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ सिक्युरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के सर्टिफाइड सिक्युरिटी प्रैक्टिशनर (सीएसपी) कोर्स की शुरूआत पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
ईस्ट आॅफ कैलाश में चार दिनों तक चलने वाले इस कोर्स में आपदा प्रबंधन, साइबर सिक्युरिटी, फायर सेफ्टी मैनेजमेंट, सुरक्षा क्षेत्र के अत्याधुनिक तकनीकों सहित कई अन्य विषयों के बारे में सुरक्षा क्षेत्र के विभिन्न जानकार और पेशेवर अधिकारी प्रशिक्षण देंगे। इस कोर्स को निजी और सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े हुए सुरक्षा अधिकारी कर सकते हैं।
आईआईएसएसएम तीन दशकों से सुरक्षा, बचाव और हानि निवारण उद्योग में शिक्षा और व्यावसायिकता के प्रसार में लगा हुआ है। आईआईएसएसएम एक आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है। यह सुरक्षा पेशेवरों के लिए विषयगत और अनुकूलित पाठ्यक्रम चलाता है और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सेमिनार आयोजित करता है। यह सुरक्षा और सुरक्षा लेखा परीक्षा आयोजित करता है और भारत सरकार और कॉपोर्रेट्स को परामर्श सेवाएं प्रदान करता है।
उल्लेखनीय है कि आईआईएसएसएम पिछले 33 वर्षों से हितधारकों को नियमित वार्षिक कॉन्क्लेव/ सेमिनार और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सुरक्षा और हानि निवारण से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। आईआईएसएसएम की स्थापना पूर्व विशेष सचिव गृह पद्मश्री केएन प्रसाद और आरके सिन्हा, पूर्व संसद सदस्य (राज्यसभा) ने संयुक रूप से 1990 में की थी। आईआईएसएसएम इंडियन सोसाइटी एक्ट के तहत 1992 में पंजीकृत एक गैर-लाभकारी शैक्षिक संस्थान है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को आईआईएसएसएम के सीईओ संतोष कुमार और कोर्स डायरेक्टर एमपी सेठी ने संबोधित किया। वहीं सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (रि.) यूके धर, ब्रिगेडियर (रि.) एके पाठक एवं हिरण्य मोहंती ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया।


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