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कांग्रेस ने सत्ता के लिए कई बार संविधान को कुचला : भूपेन्द्र चौधरी

अथाह संवाददाता
लखनऊ।
भारतीय जनता पार्टी ने 25 जून 1975 में कांग्रेस द्वारा आपातकाल लागू कर लोकतंत्र की हत्या करने और देशवासियों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किये जाने के विरोध में 25 जून मंगलवार को आपातकाल को काला दिवस के रूप में मनाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक लखनऊ में आपातकाल के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। पार्टी ने पूरे प्रदेश में आपातकाल के विरोध में जिला स्तर पर संगोष्ठियां व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए।

राजधानी लखनऊ में सहकारिता भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की तानाशाही और संविधान के प्रति उसकी सोच का पदार्फाश करने का आज यह दिन है। जब कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार ने भारत की आम जनता पर इंमरजेंसी थोपी थी। आपातकाल भारत के महान लोकतंत्र का वह काला अध्याय है जिसे कभी भी देश के लोगों के द्वारा भुलाया नहीं जा सकता। कांग्रेस सरकार द्वारा देश में लोकतंत्र का गला घोंटते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोप दिया था। उन्होंने कहा कि आज संविधान दुहाई देने वाली कांग्रेस की निर्मम सरकार ने 21 महीनों तक देश के लोकतंत्र तथा भारत के संविधान को बंधक बनाए रखा तथा इन 21 महीनों में देश की जनता पर, मीडिया पर और विपक्ष के नेताओं पर अनगिनत जुल्म ढाए जो कांग्रेस के एकतरफा अत्याचारों का पर्याय बन गया।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपा था। कांग्रेस द्वारा थोपा गया आपातकाल देश के लोकतंत्र पर किया गया सबसे बड़ा हमला था।
आपातकाल के दौरान लोगों से कड़ी यातनाएं दी गईं, लाखों लोगों को जेल में ठूंस दिया गया। अदालतों और प्रेस पर भी सेंसरशिप लगा दी गई।

इसके बावजूद लाखों लोकतंत्र सेनानियों ने यातनाओं को सहते हुए इस अनैतिक निर्णय का न सिर्फ विरोध किया बल्कि तानाशाही सरकार को सबक भी सिखाया। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की पुर्नस्थापना में लोकतंत्र सेनानियों का बड़ा योगदान है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में हमेशा से गांधी परिवार के हितों को पार्टी और देशहित से ऊपर रखा गया। यह अलोकतांत्रिक निर्णय जो आपातकाल के रूप में जबरन देश पर थोपा गया भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है, आपातकाल के लिए देश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।
कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों को भी सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले लोकतंत्र सेनानियों में प्रमुख रूप से अशोक बाजपेयी, भारत दीक्षित, राजेन्द्र तिवारी, गणेश राय, राकेश स्वरूप निगम, अजीत कुमार सिंह, अजय देव आहूजा, हरिश्याम रस्तोगी, देवीदीन पाल, राम किशोर शर्मा, केदारनाथ श्रीवास्तव, डा. संतोष कुमार बाजपेयी, डा. गणेश दत्त अवस्थी, मधुकर मिश्रा, रामतीर्थ वर्मा, सुरेश चतुर्वेदी, राम चन्द्र सिंह, आशुतोष पाठक, रामदेव शुक्ला, जयराम मौर्या, सरल मालवीय, शैलेन्द्र सिंह सेंगर, वेद प्रकाश, सतीश चन्द्र गौड़, विजय शंकर चर्तुवेर्दी आदि शामिल थे।

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