Dainik Athah

जिन नेताओं के बूथों पर रालोद- भाजपा गठबंधन की हार हुई उनके ऊपर लटक सकती है तलवार

भाजपा के साथ ही अब रालोद ने शुरू की संगठन की समीक्षा

हर बूथ की समीक्षा कर रहा है रालोद, जल्द परिणाम आयेगा सामने

समीक्षा के बाद संगठन को मजबूत करना है रालोद का लक्ष्य
फोटो नल- जयंत चौधरी
अशोक ओझा
मेरठ/ गाजियाबाद
। लोकसभा चुनाव 2024 में आये चुनाव परिणामों की राष्टÑीय लोकदल ने समीक्षा शुरू कर दी है। समीक्षा भाजपा नेताओं के आये दिन आ रहे बयानों के मद्देनजर शुरू की गई है। सूत्रों के अनुसार रालोद के जिन नेताओं के बूथों पर रालोद- भाजपा गठबंधन की हार हुई उन नेताओं को किनारे कर नयों को मौका दिया जायेगा।
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने रालोद से गठबंधन किया था। बावजूद इसके भाजपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सके। इतना ही नहीं कैराना और मुजफ्फरनगर सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की हार के बाद रालोद पर लगातार यह आरोप लग रहा है कि उसके कार्यकर्ताओं की ढ़िलाई के कारण ही भाजपा को इन दो प्रमुख सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है। इतना ही नहीं भाजपा के अनेक पदाधिकारी भी इस प्रकार के आरोप लगा चुके हैं कि जिस प्रकार भाजपा कार्यकर्ताओं ने रालोद प्रत्याशियों के लिए काम किया उस प्रकार रालोद के कार्यकर्ताओं ने काम नहीं किया।
रालोद सूत्रों के अनुसार पार्टी मुखिया एवं केंद्रीय राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जयंत चौधरी ने इसको गंभीरता से लिया है। सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व ने उन्हें भी इस तरफ इशारा किया है। यह स्थिति तब हुई जबकि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने रालोद के एक विधायक को उत्तर प्रदेश में मंत्री बनाया और एक विधान परिषद सीट भी रालोद को सौंप दी। इसके बाद ही जयंत चौधरी ने हर बूथ पर मिले मतों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। हालांकि बातचीत के दौरान रालोद के नेता इस प्रकार के आरोपों को दरकिनार करते हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा ने जो पांच सीटें जीती है वह भी रालोद के सहयोग से ही जीती। अन्यथा प्रदेश में जो स्थिति हुई है वहीं पश्चिम की इन सीटों के साथ ही अलीगढ़, मथुरा, हाथरस समेत अन्य सीटों पर ही होती।

रालोद सूत्र बताते हैं पार्टी मुखिया के निर्देश पर बूथवार समीक्षा का काम तेजी से शुरू हो गया है। इसके बाद रालोद पदाधिकारियों के क्षेत्र में जहां कहीं गठबंधन की हार हुई है वहां के नेताओं को सजा के तौर पर किनारे किया जायेगा और नये लोगों को संगठन में स्थान दिया जायेगा। सूत्र बताते हैं कि इस समय केंद्र के साथ ही प्रदेश सरकार में रालोद की भागीदारी है। इसका प्रयोग संगठन की मजबूती के लिए किया जायेगा। समीक्षा की बात सुनने के बाद अनेक उन नेताओं के चेहरों पर मायूसी झलकने लगी है जो पदों को हथियाकर बैठे हैं, लेकिन जमीन पर उनका काम शून्य है। ऐसे नेता गणेश परिक्रमा में भी लगे रहते हैं।

रालोद हर स्तर पर हारी हुई और जीती गठबंधन की सभी सीटों की समीक्ष कर रहा है। समीक्षा हर स्तर पर हो रही है। जिन लोगों ने अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं किया ऐसे लोगों को जिम्मेदारी से हटाया भी जा सकता है। समीक्षा रिपोर्ट के बाद राष्टÑीय अध्यक्ष जयंत चौधरी निर्णय लेंगे।
अजय वीर सिंह एडवोकेट
प्रवक्ता, राष्टÑीय लोकदल


यह कहना गलत है कि रालोद कार्यकर्ताओं ने मन से भाजपा प्रत्याशियों के लिए काम नहीं किया। रालोद एवं भाजपा कार्यकर्ताओं ने मन लगाकर काम किया है। रही बात आरोपों की तो यह आरोप भाजपा के अंदर से ही लगाये जा रहे हैं। रालोद प्रमुख के निर्देश पर चुनाव की समीक्षा भी की जा रही है इसके बाद निर्णय लिया जायेगा।
डा. राजकुमार सांगवान, सांसद बागपत एवं राष्टÑीय सचिव रालोद


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