Dainik Athah

यूपी के पॉटरी उद्योग को बड़ा फलक देने की तैयारी में योगी सरकार

  • खुर्जा के पॉटरी उत्पादों की पूरी दुनिया में है भारी डिमांड
  • खुर्जा महायोजना 2031 के अंतर्गत सेरेमिक हाट विकसित करेगी योगी सरकार
  • सेरेमिक पॉटरी उद्योग में यूपी करता है करीब 23 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट
  • अकेले खुर्जा में 25000 लोगों के रोजगार का जरिया है पॉटरी उद्योग

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के जरिए प्रदेश के जिलों की पारंपरिक पहचान को बड़े उद्योग के रूप में डेवलप करने का योगी सरकार का प्रयास निरंतर गति पकड़ रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खुर्जा की सिरेमिक और पॉटरी उद्योग को बड़ा फलक देने की तैयारी है। खुर्जा महायोजना 2031 के अंतर्गत सेरेमिक हाट विकसित किया जाएगा, जिसके बाद इस उद्योग से जुड़े 400 यूनिट्स को बड़ा लाभ मिलना तय है। बुलंदशहर के खुर्जा शहर की पहचान ओडीओपी योजना आने के बाद से वैश्विक फलक पर छाने लगी है। यही वजह है कि प्रदेश सेरेमिक और पॉटरी उद्योग के जरिए करीब 23 मिलियन डॉलर का निर्यात कर रहा है, जिसमें खुर्जा के सिरेमिक और पॉटरी उद्योग का बड़ा हिस्सा है।

भारत ही नहीं विदेशों में भी विख्यात है सेरेमिक और पॉटरी उद्योग
बता दें कि योगी सरकार राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र के आस-पास के जिलों और नगरों का तेजी से विकास करने जा रही है। इसी क्रम में बुलंदशहर के खुर्जा के लिए महायोजना 2031 पर काम शुरू हो चुका है। अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथक के समक्ष खुर्जा को लेकर विस्तृत प्लान पेश किया जा चुका है। इसमें सर्वाधिक जोर सेरेमिक और पॉटरी उद्योग को बूस्ट करने को लेकर लेकर है। यहां का पॉटरी उद्योग न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी विख्यात है। इसे सेरेमिक सिटी भी कहते हैं। योगी सरकार यहां के पॉटरी और सेरेमिक उद्योग को और आगे बढ़ाना चाहती है। इसके पीछे कारण यह भी है कि यहां से दिल्ली 129 किलोमीटर, तो वहीं मेरठ 92 किमी और निमार्णाधीन जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट महज 33 किमी की दूरी पर स्थित है।

25 हजार लोगों को मिलता है सीधे सीधे रोजगार
खुर्जा देश के सबसे पुराने पॉटरी क्लस्टरों में से एक है और अभी यहां तकरीबन 400 से अधिक लघु स्तरीय इकाइयां इस उद्योग में क्रियाशील हैं। साथ ही खुर्जा रणनीतिक रूप से ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एफटीब्ल्यूजेड जैसी परियोजनाओं से भी जुड़ा हुआ है, जिसका लाभ सेरेमिक और पॉटरी उद्योग को मिलना तय है। सेरेमिक उद्योग यहां के एक जिला एक उत्पाद स्कीम में भी शामिल है और तकरीबन 25 हजार लोग इस रोजगार से सीधे सीधे जुड़े हुए हैं। महायोजना 2031 में योगी सरकार सेरेमिक हाट विकसित करने जा रही है। इसके अलावा पुरानी आबादी से सेरेमिक से संबंधित इकाइयों को विकसित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की भी योजना है। सीएम योगी ने इस उद्योग को और आगे ले जाने के लिए इसकी पैकेजिंग की गुणवत्ता में सुधार और एक्सपोर्ट को बढ़ाने पर बल देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। साथ ही सेरेमिक और पॉटरी उद्योग में नये इनोवेशन और टेक्नोलॉजी से जोड़ते हुए प्रोडक्ट के डिस्प्ले में वृद्धि और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है।


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