- तूल पकड़ने लगा है विधायक अजीत पाल त्यागी सुरक्षा हटने का मुद्दा
- ब्लाक प्रमुख राजीव त्यागी ने कहा पूरे मुरादनगर क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों की बड़ी बैठक जल्द होगी
अथाह संवाददाता
मुरादनगर। मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अजीतपाल त्यागी की सुरक्षा हटाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। विधायक के दो चाचाओं की हत्याओं के बाद भी पुलिस प्रशासन ने उनकी सुरक्षा हटा ली है। इस संबंध में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि शीघ्र ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख रमेश चंद त्यागी का कहना है कि मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी के दो चाचाओं की हत्या हो चुकी है। जिनमें कानपुर विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर तेजपाल सिंह त्यागी की 15 अक्टूबर 1998 और गाजियाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुशल पाल त्यागी की 15 अप्रैल 1992 को गाजियाबाद हिन्ट चौराहे के पास ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा विधायक अजीतपाल त्यागी पर वर्ष 1998 में जानलेवा हमला हुआ था। जिसको लेकर तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी की सुरक्षा बढ़ा दी थी और परिवार के सभी सदस्यों को सुरक्षा दी गई थी।
पूर्व पार्षद भूषण त्यागी का कहना है कि गाजियाबाद जिले में गली, मौहल्ले के नेताओं को पुलिस द्वारा सुरक्षा दी गई है, जबकि जनता के प्रतिनिधि विधायक के पास सुरक्षा नहीं है। उन्होनें कहा कि शासन से यह भी जवाब मांगा जाएगा कि गाजियाबाद जिले में दर्जनों गली मोहल्ले के नेताओं को सुरक्षा क्या शासन के निर्देश पर दी गई है। ब्लॉक प्रमुख राजीव त्यागी का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी अतुल गर्ग के समर्थन में देर रात तक बिना सुरक्षा के ग्रामीण क्षेत्र में रहकर पार्टी प्रत्याशी अतुल गर्ग को मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र से लगभग 79000 हजार मतों से विजय दिलवाई थी।
राजीव त्यागी का कहना है कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार के रहते हुए भाजपा के विधायक की सुरक्षा हटाना गैर जिम्मेदाराना है। जिसको लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश है। परशुराम सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार मिश्रा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और अफसरशाही को बढ़ावा देने के कारण ही लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई है। उन्होंने कहा कि विधायक अजीत पाल त्यागी की सुरक्षा बढ़ाना आवश्यक है। खिमावती के पूर्व ग्राम प्रधान अनिल त्यागी और असालत नगर के पूर्व प्रधान अनुज त्यागी का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी के परिवार में दो चाचाओं की हत्या और उनके ऊपर जानलेवा हमला होने के बाद भी पुलिस के अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा हटा दी है ,जबकि वह देर रात तक बिना सुरक्षा के ग्रामीण क्षेत्र में रहकर लोगों का काम करते हैं। इसीलिए उनको वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाए।
ब्लॉक प्रमुख राजीव त्यागी ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जल्द ही एक बैठक बुलाएंगे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तैयार करेंगे।