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गोवा की जीवंत संस्कृति, समृद्ध विरासत और मनमोहक सुंदरता पर गर्व : मोदी

  • राज्य स्थापना दिवस पर पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह ने दी गोवावासियों को शुभकामनाएं
  • राज्य को प्रगतिपथ पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री सावंत की थपथपाई पीठ


अथाह ब्यूरो, नई दिल्ली। गोवा राज्य के 37वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गोवावासियों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं और राज्य को प्रगतिपथ पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की पीठ थपथपाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत को गोवा की जीवंत संस्कृति, समृद्ध विरासत और मनमोहक सुंदरता पर गर्व है। उन्होंने कहा, आधुनिकता को अपनाते हुए अपनी प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करने की राज्य की प्रतिबद्धता सतत विकास के लिए एक उल्लेखनीय उदाहरण स्थापित करती है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम गोवा के विकास और समृद्धि को समर्थन और बढ़ावा देना जारी रखेंगे। प्रदेश हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल करे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, अपने सुंदर समुद्र तटों और जीवंत संस्कृति के साथ, गोवा ने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अपनी छाप छोड़ी है और देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत राज्य को समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाना जारी रखे हुए हैं।
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गोवा के स्थापना दिवस पर गोवा वासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा, प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि गोवा राज्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में प्रगति पथ पर बढ़ता रहे।
उल्लेखनीय है कि गोवा भारत के पश्चिमी तट पर बसा हुआ है, जो अपने शानदार समुद्र तटों और समृद्ध इतिहास के लिए प्रख्यात है, इसीलिए गोवा दुनियाभर के पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र बना रहता है। गोवा चार शताब्दियों से भी अधिक समय तक पुर्तगाली उपनिवेश बना रहा। 1961 में भारत ने इसे पुर्तगालियों से आजाद करा लिया और दमन और दीव के साथ केंद्र शासित प्रदेश बना दिया, लेकिन गोवा की यात्रा यहीं खत्म नहीं हुई। बाद में, 1987 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया और यह भारतीय संघ का 25वां सदस्य बन गया।

1510 में हुई पुर्तगाली शासन की शुरूआत
1510 में पुर्तगाली सैन्य नेता अल्फोंसो डी अल्बुकर्क ने बीजापुर के आदिल शाह से इस क्षेत्र में विजय प्राप्त करने के साथ ही यहां पुर्तगाली शासन की शुरूआत हुई थी, जो चार शताब्दियों से अधिक समय तक रहा। इस समयावधि के दौरान भारत सरकार गोवा के साथ ही अन्य पुर्तगाली क्षेत्रों को शांतिपूर्ण तरीके से सौंपने की मांग करती रही, लेकिन पुर्तगाली इनकार करते रहे। भारत ने गोवा को पुर्तगालियों से आजाद करने के लिए 1961 में आॅपरेशन विजय शुरू किया, जिसके तहत गोवा, दमन और दीव को सफलतापूर्वक भारतीय मुख्य भूमि में शामिल कर लिया गया और इस निर्णायक कार्रवाई ने गोवा से पुर्तगाली शासन को समाप्त कर दिया था।

30 मई, 1987 को घोषित किया गया 25वां राज्य
30 मई, 1987 को गोवा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय शुरू हुआ। पूर्व केंद्र शासित प्रदेश को अलग कर दिया गया और गोवा को आधिकारिक तौर पर भारत का 25वां राज्य घोषित किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर गोवा का भारत गणराज्य में पूर्ण एकीकरण हुआ। नवगठित राज्य ने पणजी को अपनी राजधानी के रूप में भी नामित किया। इसके अतिरिक्त, स्थानीय भाषा कोंकणी को गोवा की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में तब से हर साल 30 मई को गोवा राज्य दिवस गर्व के साथ मनाया जाता है।


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