पंचायत कर अपनी आवाज को धार दे रहा ठाकुर समाज
त्यागी समाज अपनी उपेक्षा को लेकर चिंतित
गांवों में सुलग रही त्यागी समाज में अंदर ही अंदर आग
पश्चिम की सभी 14 सीटों पर प्रभावी है त्यागी समाज
अशोक ओझा
गाजियाबाद/ मेरठ। राजपूत या ठाकुर समाज की आवाज जहां पंचायतों के जरिये बुलंद हो रही है, वहीं दूसरी तरफ त्यागी समाज भी अंदर ही अंदर लामबंद हो रहा है। त्यागी समाज भाजपा में अपनी उपेक्षा को लेकर चिंतित है और इस बार अपनी नाराजगी को वोट के माध्यम से उजागर करना चाहता है। हालांकि तीन सीटों पर त्यागी प्रत्याशी भी मैदान में है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से ही ठाकुर लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। ठाकुर समाज लगातार पंचायतों का आयोजन अपनी रणनीति को धार देने का काम भी कर रहा है। ठाकुरों को साधने के लिए भाजपा भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसके लिए जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार सभाएं कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ठाकुरों को साधने के लिए अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं करवाई जा रही है। बावजूद इसके ठाकुर समाज की नाराजगी दूर होने का नाम नहीं ले रही।
अब त्यागी समाज की नाराजगी भी भाजपा की चिंता को बढ़ा रही है। त्यागी समाज खुलकर पंचायतों का आयोजन तो नहीं कर रहा, लेकिन अंदर ही अंदर एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचा रहा है। हालत यह है कि भाजपा में काम कर रहे त्यागी समाज के कार्यकर्ताओं को छोड़ दें तो अधिकांश त्यागी समाज के लोग इस बार भाजपा को सबक सिखाने के मूड में नजर आ रहे हैं। मोदीनगर में व्यापार करने वाले अनिल त्यागी कहते हैं कि त्यागी को तो भाजपा ने अपना बंधुवा समझ लिया है। त्यागी समाज की राजनीतिक पहचान को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। वे कहते हैं कि जब तक समाज एकजुट होकर जवाब नहीं देगा तब तक पूछ नहीं होने वाली।
वहीं तलहैटा के रहने वाले सुशील त्यागी कहते हैं कि भाजपा तो त्यागी को अपना … समझती है। जिस भाषा का प्रयोग उन्होंने किया वह हम कर नहीं सकते। इस प्रकार उन्होंने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। वे कहते हैं कि भाजपा समझती है कि त्यागी तो वोट देगा ही, लेकिन इस बार समाज अंदरखाने एकजुट हो रहा है और भाजपा को हराने वाले को वोट देने की योजना बना रहा है।
पश्चिम की सभी 14 सीटों पर असरदार है त्यागी समाज
जानकारी के अनुसार त्यागी समाज पश्चिम की सभी 14 सीटों पर समीकरण बदलने की ताकत रखता है। किसी भी लोकसभा क्षेत्र में त्यागी समाज के मतदाताओं की संख्या 70 से 80 हजार से कम नहीं है। गाजियाबाद, बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर, कैराना, सहारनपुर, बुलंदशहर, बिजनौर में तो समाज के मतदाताओं की संख्या इतनी है कि वे परिणाम भी बदल सकते हैं।
मात्र एक विधायक और एक एमएलसी
त्यागी समाज के पूरे प्रदेश में एक विधायक मुरादनगर से अजीत पाल त्यागी एवं एक एमएलसी अश्वनी त्यागी है। इसके अलावा त्यागी समाज को न तो संगठन में प्रमुखता मिलती है और न ही सांसद के टिकट में अथवा मंत्री पद पर। जबकि सपा- बसपा सरकारों में त्यागी समाज को मंत्री पद मिलता आया है। हालांकि प्रदेश संगठन में बसंत त्यागी को मंत्री पद भी मिला है।
त्यागी समाज ने दो निर्दलीय प्रत्याशी भी उतारे मैदान में
त्यागी समाज की नाराजगी का पता इससे ही लगता है कि समाज ने मुजफ्फरनगर में सुनील त्यागी एवं बिजनौर में बॉबी त्यागी को मैदान में उतारा है। दोनों ही प्रत्याशी भाजपा को नुकसान पहुंचायेंगे। जबकि त्यागी समाज का महत्व समझते हुए बसपा ने भी मेरठ सीट से त्यागी प्रत्याशी मैदान में उतारा है।हर वर्ग और जाति पूरी तरह भाजपा के साथ है। सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार का हिस्सा है। त्यागी समाज में नाराजगी जैसी कोई बात नहीं
।-बसंत त्यागी, प्रदेश मंत्री भाजपा उप्र