- लोकसभा चुनाव में सीटों पर जातीय समीकरण में उलझा भाजपा नेतृत्व
- कुछ कुछ घंटों बाद हवा में उछल रहे नये नामों से बढ़ रही दिक्कत
- जर्नल वीके सिंह पक्ष के लोगों का दावा: दिल से जर्नल- फिर से जर्नल
- विधायक अतुल गर्ग भी बताये जा रहे दौड़ में, पूर्व वायु सेनाध्यक्ष आरकेएस भदौरिया के नाम की भी खूब चर्चा
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी गाजियाबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित करने में जितनी देरी करती जा रही है उतनी मतदाताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं एवं नेताओं की टेंशन भी बढ़ रही है। एक तरफ जहां सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जर्नल वीके सिंह खेमे का दावा है कि टिकट उनका ही होगा, वहीं दूसरी तरफ शहर विधायक अतुल गर्ग और पूर्व वायु सेनाध्यक्ष आरकेएस भदौरिया का नाम भी मीडिया में छा रहा है। ऐसे में कार्यकर्ता एवं नेता तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे किधर जायें।
बता दें कि समाचार लिखे जाने तक भी भाजपा नेतृत्व गाजियाबाद समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अनेक सीटों से प्रत्याशी तय नहीं कर पा रहा है। जर्नल वीके सिंह जो दो बार से सांसद होने के साथ ही केंद्र सरकार में राज्यमंत्री भी है हैट्रिक लगाने को तैयार है तो उनकी टांग खिंचने वाले भी पीछे भी नहीं है। उलझन के बावजूद जर्नल वीके सिंह ने गाजियाबाद में होली मिलन का आयोजन भी किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोकसभा क्षेत्र के लोग जुटे। जर्नल वीके सिंह का खेमा टिकट के लिए आश्वस्त नजर आ रहा है। हालांकि जर्नल वीके सिंह की नजरें लगातार दिल्ली की तरफ लगी रही।
इसके साथ ही शहर विधायक अतुल गर्ग के नाम को लेकर भी जब मीडिया में खबरें वायरल होने लगी तब उनके निवास पर भी बधाइयां देने वालों का तां तां लगने लगा। दोपहर तक खूब बधाइयां शहर विधायक ने ली, लेकिन दिन ढलने के साथ ही रौनक हलकी पड़ने लगी। सूत्रों के अनुसार विरोधियों ने अतुल गर्ग के खिलाफ दिल्ली में डेरा डाल दिया।
इतना ही नहीं जब पूर्व वायु सेनाध्यक्ष एसआरएस भदौरिया ने भाजपा की सदस्यता ली तो इसके बाद उनका नाम भी गाजियाबाद सीट के लिए इलेक्ट्रानिक मीडिया की ब्रेकिंग न्यूज बनने लगी। उनका नाम कभी किसी सीट के लिए तो कभी हिमाचल प्रदेश से चलने लगा। उनको भाजपा में शामिल भी राष्टÑीय उपाध्यक्ष विनोद तावड़े और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया। बहरहाल यहां पर स्थिति यह है कि सभी अपने अपने सूत्रों के फोन खटखटाते रहे।