अथाह ब्यूरो लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते देश बबार्दी के कगार पर पहुंच गया है। संविधान निमार्ता बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर ने यह पहले ही आशंका जताई थी कि संविधान के अच्छे होने के बावजूद सत्ता के दुरूपयोग और सत्ताधारी की नीयत से इसकी व्यवस्थाओं का दुरुपयोग भी हो सकता है। आज जो सत्ता में है उन्हें न संविधान की मयार्दा की चिंता है और नहीं लोकतंत्र को बचाए रखने का इरादा है। सत्ता और केवल सत्ता पर कब्जा बनाए रखने की ही भाजपा की राजनीति ने जनता के हितों को ताक पर रख दिया है।
उन्होंने कहा भाजपा जबसे सत्ता में आई है भाजपा सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में जो मूल्य गढ़े गये थे भाजपा और उसके मातृ संगठन आरएसएस ने उनका न केवल मखौल उड़ाया है अपितु उनका तिरस्कार भी किया है। जनता के अधिकारों के अपहरण में भाजपा ने सभी मूल्यों, आदर्शों को तिलांजलि देकर केवल सत्ता भोग को ही अपना एक मात्र ध्येय निर्धारित कर रखा है। उन्होंने कहा भाजपा सरकार में आर्थिक गैर बराबरी बढ़ी है और समाज बंटा है। नफरत का माहौल बना है। सामाजिक न्याय की उपेक्षा हुई है। साम्प्रदायिक उन्माद को बढ़ावा मिला है। सत्तासीन पूंजीपतियों की गोद में बैठ गए हैं और गरीब, किसान, मजदूर उनकी प्राथमिका में नहीं है।
यादव ने कहा सर्वाधिक चिंता की बात तो यह है कि भाजपा ने लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया और मतदान की व्यवस्था को भी प्रदूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। चुनाव में निश्पक्षता और पारदर्शिता को भाजपा महत्व नहीं देती है। ईडी, सीबीआई, आईटी आदि एजेंसियों का दुरूपयोग विपक्ष को बदनाम करने और उसे प्रताड़ित करने में किया जा रहा है। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी का मानना है कि पीडीए ही आज की समस्याओं का समाधान है। पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और आधी आबादी के साथ जो पीडीए में जुड़े हैं, वही परितर्वन के संदेशवाहक बनेंगे। जनता बदलाव के लिए संकल्प के साथ अब सही समय का इंतजार कर रही है।