- सर्वार्थ सिद्धि योग और धूम्रयोग भी बना रहे हैं शिवरात्रि को विशेष पर्व
इस वर्ष शिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा।इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात:काल 10:40 तक रहेगा। उसमें व्रत का आरंभ होगा। उसके पश्चात सबसे महत्वपूर्ण योग शिवयोग शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि के बाद 12-45 बजे तक रहेगा। शिवयोग में शिव की पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है।उसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी ।12:45 रात्रि से भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल से होगा। पंचामृत दूध ,दही ,शहद, गंगाजल आदि से भगवान शिव का अभिषेक होगा।
शिवरात्रि का व्रत विधि
शिवरात्रि का व्रत 8 मार्च को ही रखा जाएगा। रात्रि को अथवा अगले दिन इसका पारायण किया जाएगा। जो भक्तजन कावड़ लाते हैं ,उनका भगवान शिव के मंदिर मेंहाजिरी का जल एक दिन पहले रात्रि 01-19 बजे से आरंभ हो जाएगा।अगले दिन रात्रि 9:57 बजे से गंगाजल से अभिषेक शुरू हो जाएगाभगवान शिव को पूजन के लिए सर्वप्रथम नित्य क्रिया से निवृत होकर के स्वच्छ कपड़े पहनें ।भगवान शिव के व्रत का संकल्प लें ।अपने घर के मंदिर में अथवा किसी शिवालय में जाकर के भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गंगाजल ,दूध, दही, शहद, बेलपत्र, चंदन आदि उनके प्रिय वस्तुओं से अभिषेक कर उनको मिष्ठान फल आदि का भोग लगाएं।भगवान शिव के विभिन्न मंत्रों का जाप, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, रुद्राष्टाध्यायी द्वारा रुद्राभिषेक,ओम् नमः शिवाय का जाप आदि श्रद्धा पूर्वक करें।कुछ भक्तगण अपनी इच्छाओं की पूर्ति हेतु शिवलिंग पर अपनी विभिन्न द्रव्य चढ़ाते हैं।घर में सुख शांति के लिए दूध,धन के आगमन के लिए दही, पुत्र संतान की प्राप्ति के लिए घी, सर्वदोष निवारण के लिए गंगाजल, स्वास्थ्य की कामना के लिए शहद ,लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए गन्ने का रस, शत्रुओं का विरोधियों को परास्त करने के लिए सरसों का तेल, गृहस्थ जीवन में आ रही बाधाओ को दूर करने के लिए इत्र से,संपूर्ण मनोकामना की पूर्ति के लिए शक्कर या अन्न विशेष से भगवान का अभिषेक किया जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा विभिन्न पदार्थ के द्वारा करने से उनकी कामनाओं प्रकार का फल भक्तों को मिलता है।
आचार्य शिवकुमार शर्मा, ज्योतिष आचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट गाजियाबाद