Dainik Athah

सीएसआर फंड के सदुपयोग के लिए यूपी से बेहतर कोई जगह नहीं : अनिल राजभर

  • जीबीसी 4.0
  • जीबीसी 4.0 के दूसरे दिन कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिल्टी कान्क्लेव का हुआ आयोजन
  • सीएसआर डबल इंजन सरकार में गार्ड के डिब्बे की तरह है, जो ये सुनिश्चित करता है कि कोई डिब्बा पीछे ना छूट जाए: असीम अरुण
  • योगी सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने की सीएसआर फंड के रचनात्मक उपयोग की अपील
  • जीबीसी के बाद यूपी सीएसआर समिट का भी आयोजन करेगी योगी सरकार

अथाह ब्यूरो, लखनऊ। जीबीसी 4.0 के दूसरे दिन मंगलवार को कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिल्टी कान्क्लेव (सीएसआर) का आयोजन हुआ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कॉन्क्लेव में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री असीम अरुण, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने विभिन्न कंपनियों के सीएसआर प्रमुखों से संवाद किया। इस दौरान सरकार की ओर से कंपनियों को उनके सीएसआर फंड का उपयोग रचनात्मक कार्यों में करने की अपील की गई। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सीएसआर फंड के सदुपयोग के लिए यूपी से बेहतर कोई जगह नहीं है। वहीं राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा कि सीएसआर मूल रूप से समाज को अच्छी दिशा दिखाने वाले प्रयोग हैं। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार जल्द ही यूपी सीएसआर समिट का आयोजन करेगी।
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के आशीर्वाद, मुख्यमंत्री के संकल्प और अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के प्रयास से यूपी के विकास की नई गाथा लिख दी गई है। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि हम इस तरह के इवेंट करेंगे। लोग कहते थे कि निवेश का प्रस्ताव मिलना और उसका धरातल पर उतारना दोनों अलग-अलग बात है। मगर यूपी में अब 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश धरातल पर उतर गया है। उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड के सदुपयोग के लिए यूपी से बेहतर कोई जगह नहीं है। यूपी में 8.39 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं। सीएसआर फंड को खर्च करने के लिए बहुत बड़ी संभावना यूपी में है।

राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा सीएसआर डबल इंजन सरकार में गार्ड के डिब्बे की तरह है। जो ये सुनिश्चित करता है कि कोई डिब्बा पीछे ना छूट जाए। समाज का कोई तबका विकास से वंचित न रहे, यही सीएसआर के मूल में है। वस्तुत: ये समाज के लिए अच्छी दिशा दिखाने वाला प्रयास है। असीम अरुण ने विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर फंड से किये गये कार्यों की चर्चा करते हुए उन्हें अन्य कंपनियों के लिए मॉडल बताया।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि सीएसआर के मूल में हमारी सनातन संस्कृति के विचार हैं, जो सामूहिकता पर बल देते हैं। कोरोना काल में हमने देश की सामूहिक शक्ति का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखा है। उन्होंने बताया कि 2015 से 2023 के बीच में प्रदेश में दो लाख करोड़ का सीएसआर फंड प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि आज यूपी देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। मुख्य सचिव ने कंपनियों को उनके सीएसआर फंड का रचनात्मक कार्यों में उपयोग करने की अपील की। साथ ही यह भी बताया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश सीएसआर समिट का आयोजन करेगी, जिसमें कंपनियों के सीएसआर प्रमुखों की भागीदारी होगी। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सीएसआर कंपनियों की ओर से दान नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और राज्यमंत्री असीम अरुण ने सीएसआर पोर्टल का भी शुभारंभ किया। इसके अलावा सीएसआर के मैनुअल ‘समुदाय’ का विमोचन किया गया। वहीं प्रदेश में सीएसआर फंड से बड़े स्तर पर सामाजिक कार्य कर रही कंपनियों- वेदांता समूह, एचसीएल, एनसीएल, रिलायंस फाउंडेशन, शिव नादर फाउंडेशन, आईटीसी लिमिटेड और एनटीपीसी के सीएसआर प्रमुखों को सम्मानित भी किया गया।


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