Dainik Athah

प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने को मिशन मोड में योगी सरकार

  • 10 फरवरी से 17 जिलों में खिलाई जायेगी फाइलेरिया से बचाव की दवा
  • मुख्यमंत्री की अपील- एमडीए राउंड के दौरान दवा का सेवन जरूर करें- फाइलेरिया मरीजों को चिन्हित करने को सीएचओ किये गए प्रशिक्षित
  • एकीकृत निक्षय दिवस पर भी चिन्हित किये जा रहे फाइलेरिया मरीज

अथाह ब्यूरो लखनऊ। प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने को लेकर योगी सरकार मिशन मोड में काम करने को पूरी तरह तत्पर है। इसके तहत प्रदेश के आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) को फाइलेरिया मरीजों को चिन्हित करने के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। स्वास्थ्य इकाइयों पर हर माह की 15 तारीख को आयोजित होने वाले एकीकृत निक्षय दिवस पर टीबी, कालाजार के साथ फाइलेरिया मरीजों को भी चिन्हित किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के 17 जिलों में 10 से 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान (एमडीए राउंड) चलाया जाएगा, जिसके तहत प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराएँगे। मालूम हो कि  केंद्र सरकार ने फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2027 तय किया है।

5 से 15 साल में दिखाई देते हैं फाइलेरिया के लक्षण

मुख्यमंत्री की अपील है कि एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें। क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली इस गंभीर बीमारी के लक्षण जैसे- हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन आदि पाँच से 15 साल में दिखाई देते हैं। इसलिए हर कोई अपने को फाइलेरिया ग्रसित मानकर दवा का सेवन करें और खुद के साथ आने वाली पीढ़ी को इस बीमारी से सुरक्षित बनाएं। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है, इसलिए लक्षण आने का इन्तजार न करके दवा का सेवन करना ही समाज हित में है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस बीमारी को रोका तो जा सकता है, लेकिन एक बार हो जाए तो इसका कोई इलाज नहीं किया जा सकता। इसका केवल प्रबंधन किया जा सकता है,  जिसके लिए सरकार तत्पर है और फाइलेरिया मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन एवं दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण और किट प्रदान कर रही है। इसलिए बीमारी को रोकने के लिए जरूरी है कि दवा का सेवन करें। जून 2023 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य में 51 फाइलेरिया एण्‍डेमिक जिले हैं और राज्य में 90768 लिम्‍फेटिक फाइलेरियासिस एवं 21131 हाइड्रोसील के रोगी चिन्हित किए गए हैं।

इन ज़िलों में चलाया जाएगा अभियान

फाइलेरिया से मुक्ति के लिए 10 से 28 फरवरी तक अमेठी, आजमगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, हमीरपुर, जौनपुर, जालौन, लखनऊ, पीलीभीत, शाहजहांपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, उन्नाव और वाराणसी में एमडीए राउंड चलाया जाएगा। इनमें अमेठी, आजमगढ़, बांदा, बाराबंकी, बरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, उन्नाव और वाराणसी में ट्रिपल ड्रग (आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा जबकि बलिया, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर और सोनभद्र में डबल ड्रग (डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में फाइलेरिया प्रभावित 51 जिले हैं, अन्य प्रभावित जिलों में आगामी 10 अगस्त से एमडीए राउंड चलाया जाएगा।  

फाइलेरिया से बचा के लिये यह सावधानी बरतें :

मच्छर के काटने से बचें : फाइलेरिया के परजीवी संक्रमित क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलते हैं। इसलिए बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचकर रहें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और पूरी बांह के  कपड़े पहनें।

साफ़-सफाई का रखें खास ख्याल : क्यूलेक्स मच्छर रुके हुए गंदे पानी में पनपते हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि घर और आस-पास साफ़-सफाई का पूरा ख्याल रखें।

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