- किसान व श्रमिक हितों को रखा जाय सर्वाेपरि
- ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी गांवों का निरीक्षण कर विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखें
- ग्राम्य विकास की योजनाओं का बेहतर ढंग से किया जाय, क्रियान्वयन
- फील्ड में खण्ड विकास अधिकारियों के निरीक्षण का बढ़ाया गया दायरा
- किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होगी क्षम्य: केशव प्रसाद मौर्यह्ण
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसान व श्रमिक हितों को सर्वाेपरि रखते हुए विकास व निर्माण कार्यों को अमली जामा पहनाया जाय। कहा है कि विकास कार्य धरातल पर नजर आने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि मनरेगा कार्यों पर पैनी नजर रखी जाय। ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी गांवों का निरीक्षण कर विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखें और विकास की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय। विकास कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर फील्ड में खण्ड विकास अधिकारियों के निरीक्षण का दायरा बढ़ा दिया गया है। निर्देश दिए गए हैं कि कि खण्ड विकास अधिकारी अब महीने में कम से कम 20 कार्यों का निरीक्षण करेंगे, इसके पहले कम से कम 15 कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश थे। मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों का एरिया आॅफिसर मोबाइल एप्लीकेशन से निरीक्षण किए जाने हेतु नवीन लक्ष्य निर्धारित करते हुए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान खण्ड विकास अधिकारियों को इस एप्लीकेशन पर निर्धारित बिन्दुओं पर निरीक्षण स्थल से रिपोर्ट देना होता है। मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों के सघन अनुश्रवण एवं पारदर्शिता को लेकर संवेदनशीलता बरतते हुये निरीक्षण के कार्य पर विशेष फोकस किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि कार्य गुणवत्ता पूर्ण हो, और कहीं कोई दिक्कत न आने पाये, इसलिए फील्ड में अधिकारियों का जाना बहुत आवश्यक है। समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह निरीक्षण के नवीन लक्ष्य के अनुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2023 से लेकर अब तक पूरे प्रदेश में खंड विकास अधिकारियों के द्वारा एरिया आॅफिसर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से एक लाख से अधिक निरीक्षण किए जा चुके हैं। आयुक्त, ग्राम्य विकास जी.एस प्रियदर्शी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत हो रहे सभी कार्यों की निगरानी निर्धारित दिशा-निदेर्शो के अनुरूप करें।