- भाजपा की जिला कमेटियों की सूची में देरी आखिर क्यों
- नये अध्यक्ष चाहते थे कमेटियों में बड़ा बदलाव
- प्रदेश और क्षेत्रीय नेतृत्व चुनावी वर्ष में बड़े बदलाव के नहीं है पक्षधर
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की जिला कमेटियों की घोषणा में यदि कोई सबसे बड़े बाधक बनें है तो पार्टी के नये बनें जिला व महानगर अध्यक्ष है। इन अध्यक्षों ने पहले की कमेटियों में भारी बदलाव के साथ अपनी अपनी सूचियां भेजी थी, लेकिन पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने उन सूचियों को अस्वीकार कर दिया। अब नयी कमेटियां तैयार कर भेजी गई है।
भाजपा की जिला व क्षेत्रीय कमेटियों में बदलाव के साथ ही नयी कमेटियों की घोषणा में देरी होने से पार्टी के प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं में बेचैनी नजर आ रही है। इसके साथ ही कमेटियों में देरी की जानकारी दिल्ली तक पहुंचने पर केंद्रीय नेतृत्व भी संतुष्ट नहीं है। भाजपा सूत्रों के अनुसार जिला कमेटियों में बदलाव के लिए सभी अध्यक्षों को पहले ही बता दिया गया था कि कमेटियों में भारी भरकम बदलाव नहीं होगा। बावजूद इसके पार्टी के नये बनें जिला व महानगर अध्यक्षों ने पूरे घर के बदल दूंगा की तर्ज पर 50 से 70 फीसद तक कमेटियों में बदलाव कर सूचियां क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ ही प्रदेश नेतृत्व को भेज दी।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के साथ ही संगठन महामंत्री ने इस स्थिति को लेकर नाराजगी व्यक्त की। प्रदेश अध्यक्ष ने इसके बाद अध्यक्षों को स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कमेटियों से पुराने पदाधिकारियों को हटाना है तो उन्हें इसके कारण भी स्पष्ट करने होंगे कि आखिर क्यों पुराने पदाधिकारी को बदला जा रहा है। यदि पुराने पदाधिकारी निष्क्रिय है तो इसके संबंध में भी स्पष्ट रूप से बताना होगा। इससे अलग कोई और कारण है तो वह भी बताना होगा। प्रदेश नेतृत्व 40 फीसद से अधिक बदलाव करने के पक्ष में नहीं है। लेकिन अनेक अध्यक्ष सभी पुराने पदाधिकारियों को बदलकर अपने जेबी लोगों को कमेटियों में स्थान देना चाहते हैं।
प्रदेश नेतृत्व की चिंता यह भी है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद मुख्यमंत्रियों का शपथग्रहण भी संपन्न हो चुका है। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व का पूरा ध्यान आगामी लोकसभा चुनाव पर लग जायेगा। कमेटियों की घोषणा में देरी होने पर इसके लिए भी प्रदेश नेतृत्व को ही जवाब देना होगा।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश नेतृत्व के निर्देश के बाद जिलाध्यक्षों से नयी कमेटियां मंगवा ली गई है। इसके बाद अब आने वाले कुछ ही दिनों में अधिक से अधिक एक सप्ताह में कमेटियों की घोषणा कर दी जायेगी। नेतृत्व की चिंता यह भी है कि जिला कमेटियों पर निर्णय न होने के कारण ही क्षेत्रीय कमेटियां भी घोषित नहीं हो पा रही है। सूत्र बताते हैं कि अब भी कई अध्यक्ष बड़ा बदलाव चाहते हैं जिसे शायद ही स्वीकार किया जाये। इस मामले में खुलकर कोई भी पदाधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।