नगरीय निकाय निदेशालय की ओर से सभी जिलाधिकारियों को प्रथम स्तरीय सत्यापन में तेजी लाने का किया गया अनुरोध
– सभी नगरीय निकायों में अधिशासी अधिकारियों को त्वरित गति से प्रथम स्तरीय सत्यापन करने के दिए गए निर्देश
– पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पंजीकृत सभी लाभार्थियों का त्रिस्तरीय सत्यापन कराए जाने का है प्राविधान
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। देश के कारीगरों और हस्तशिल्प श्रमिकों के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना पर उत्तर प्रदेश में तेज गति से काम किया जा रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर कारीगरों और हस्तशिल्प श्रमिकों का पोर्टल पर पंजीकरण और उसके सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में नगरीय निकाय निदेशालय की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर प्रत्येक नगरीय निकाय में जल्द से जल्द लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रथम चरण का सत्यापन कराने के लिए कहा गया है। उल्लेखनीय है कि योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थियों का त्रिस्तरीय सत्यापन कराने का प्राविधान है। इसका प्रथम स्तरीय सत्यापन नगरीय निकायों द्वारा किया जाना है। सत्यापन पूर्ण होने के बाद सभी चयनित विश्वकर्मा की ट्रेनिंग शुरू होगी और उन्हें ई वाउचर के रूप में टूलकिट की खरीद के लिए 15 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही बैंक के माध्यम से उन्हें लोन दिलाने के लिए कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा। – जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी देखेगी सत्यापन कार्य
नगरीय निकाय निदेशालय के निदेशक नितिन बंसल ने बताया कि ग्रामीण और शहरी निकायों के सत्यापन की अलग-अलग व्यवस्था है। ग्रामीण में ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग को सत्यापन का जिम्मा मिला है तो शहरी क्षेत्रों में प्रथम स्तरीय सत्यापन अधिशासी अधिकारी (ईओ) कर रहे हैं। इसी क्रम में सभी जिलाधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि वह सभी अधिशासी अधिकारियों के साथ बैठक करके सभी नगरीय निकायों में प्रथम स्तरीय सत्यापन को त्वरित गति से संपन्न कराने में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर सभी सत्यापन का कार्य जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा किया जाना है। वहीं राज्य स्तर पर एमएसएमई के तहत गठित कमेटी पात्र लाभार्थियों का सत्यापन कर रही है। – तीन स्तर पर होनी है सत्यापन की कार्यवाहीपीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभ लेने की जो प्रक्रिया निर्धारित की गई है, उसके अनुसार सबसे पहले लाभार्थी को आवेदन करना होगा जिसके बाद तीन स्तर पर (पंचायत या यूएलबी, जिला और राज्य) सत्यापन की कार्यवाही होगी। लाभार्थी को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड मिलेगा। साथ ही लाभार्थी की डिटेल को एमएसडीई को भी भेजा जाएगा। इसके बाद 5 दिन की बेसिक स्किल ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाएगा। चुनिंदा लोगों को 15 दिन या इससे अधिक की एडवांस स्किल ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। लाभार्थी को इसके बाद 15 हजार रुपए टूलकिट इंसेंटिव्स या टूलकिट के लिए प्रदान किए जाएंगे। साथ ही एक लाख रुपए के प्रारंभिक वित्त अंश के लिए आवेदन की जानकारी को बैंक से साझा किया जाएगा। क्रेडिट रिपोर्ट देखने के बाद बैंक लाभार्थी को एक लाख रुपए का लोन प्रदान करेंगे। डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिए लोन चुकाने वाले और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग लेने वाले लाभार्थी 2 लाख रुपए के दूसरे लोन के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे। पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी शुरुआत 17 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है। इस योजना के अंतर्गत 18 व्यवसायों का चिन्हीकरण किया गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग नोडल विभाग है एवं नगर विकास विभाग सहयोगी है। योजना के तहत समस्त जनपदों हेतु प्रथम वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। लाभार्थियों का पंजीकरण जन सुविधा केंद्र द्वारा किया जाना है।