अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि विपक्ष के प्रति भाजपा नेतृत्व का विद्वेषपूर्ण रवैया पूर्णतया असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। ऐसा लगता है जैसे भाजपा ने विपक्ष की हर आवाज को कुचलने का इरादा कर लिया है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उसे न विश्वास है और नहीं संविधान पर उसकी निष्ठा है। डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान सभा में संविधान के दुरूपयोग और एकाधिकारी प्रवत्ति के प्रति संदेह जताया था। उनका अंदेशा सही साबित होने जा रहा है।
यादव ने कहा कि भाजपा राज में अघोषित तानाशाही की प्रवृत्तियां साफ नजर आ रही है। अच्छा हो, सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले जिससे मंत्रीगण और सत्तापक्ष के सांसदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारी गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे। जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वह आधार सत्तापक्ष पर लागू हो तो शायद उनका एक दो सांसद, विधायक ही बचेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने विरोधियों की सदस्यता छीनने के कुचक्र के साथ उनको बदनाम करने के लिए सरकारी एजेंसियों, इनकम टैक्स, ईडी, सीबीआई आदि का इस्तेमाल करके इन संस्थाओं की विश्वसनीयता को भी नष्ट कर रही है। लोकतंत्र में ऐसी हरकतों का कोई स्थान नहीं हो सकता है।