- सीएम बोले, प्रदेश में पहली बार 11 लाख गोवंश का हो रहा संरक्षण
- 2017 से पहले विरासत के प्रति सम्मान का भाव नहीं था, बल्कि कब्रिस्तान की चिंता थी
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश में पहली बार 11 लाख गोवंश का संरक्षण डबल इंजन की सरकार कर रही है। गोवंश के लिए तीन हजार करोड़ मूल बजट में है। आपकी चिंता गोवंश को लेकर नहीं है बल्कि बूचड़खानों के बंद होने की है। हम गो पालन और गो सेवा भी करते हैं। भारत की कृषि व्यवस्था जब तक गो आधारित थी तब तक देश धन धान्य से भरपूर था। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेचुरल फार्मिंग की बात करते हैं, जो जीरो बजट खेती है। यह देश को स्वस्थ रखेगी और कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाएगी इसलिए हमें इस तरफ जाना ही होगा।
नेता प्रतिपक्ष को चाचा ने शायद रास्ता सही नहीं दिखाया, जिसका फल चाचा भोग रहे हैं
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में पीएम स्वामित्व योजना में अब तक 60 लाख से अधिक परिवारों को भूमि का मालिकाना अधिकार उपलब्ध कराया गया है। दिसंबर 2023 तक सभी सवा करोड़ परिवारों को मालिकाना हक उपलब्ध कराने का कार्य पूरा हो जाएगा। सभी सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि मुसहर, थारु, वनटांगिया, कोल और सहरिया जनजातियों के बारे में शायद नेता प्रतिपक्ष नहीं जानते होंगे। इन सभी जनजातियों को जमीन का पट्टा और आवास देने का काम हुआ है। कोरोना काल से कोई गरीब भूखा नहीं रहा। हमारे लिए सबसे बड़ी जाति गरीब है। गरीब के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य सरकार कर रही है। सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधा बिना भेदभाव के साथ प्रदान की जा रही है। वहीं नेता प्रतिपक्ष को चाचा ने शायद सही रास्ता नहीं दिखाया, जिसका फल चाचा भोग रहे हैं। सही रास्ता दिखाया होता तो ये सजा नहीं मिलती। वर्ष 2017 से पहले पीएम किसान सम्मान निधि नहीं थी। आज दो करोड़ 61 लाख किसानों के खाते में सम्मान निधि भेजी जा रही है। अन्नदाता किसानों के खाते में सीधे 59,139 करोड़ रुपए भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा बाणसागर, सरयू नहर परियोजना को पूरा किया जा रहा है। वर्ष 2012 से 2017 तक केवल 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं क्रय कर 12 हजार 800 करोड़ का भुगतान हुआ। वहीं वर्ष 2017 से 2022 तक 222 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किया और 41,299 करोड़ रुपए सीधे अन्नदाताओं के खाते में भेजा गया। धान 2012-17 के बीच 123 लाख मीट्रिक टन क्रय किया गया और 17190 करोड़ का भुगतान हुआ था। वहीं 2017 से अबतक 345.59 लाख मीट्रिक टन धान क्रय हुआ और 63,927 करोड़ का भुगतान किया गया है। प्रदेश में 2012-17 के बीच चीनी मिलें बंद हुईं,उन्हें औने पौने दाम पर बेचा गया जबकि गन्ने का 80 हजार करोड़ का भुगतान हुआ था। वहीं आज 119 चीनी मिलें चल रही हैं। 100 चीनी मिलें 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। पहले जल जीवन मिशन में 5 लाख 16 हजार परिवार को नल से शुद्ध जल मिल पाता था। 2017 के बाद 1 करोड़ 85 लाख परिवारों को नल से शुद्ध जल उपलबध कराया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 4000 किमी. से अधिक सड़क का निर्माण हुआ है जबकि 9 हजार से अधिक अमृत सरोवरों, लुप्त नदियों के पुनरोद्धार का कार्य नई तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है।
प्रयागराज में हुए भव्य दिव्य कुंभ के बारे में हर कोई जानता है
सीएम योगी ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की विधानसभा में पर्यटन को लेकर किए जा रहे कार्यों का सकारात्मक जवाब मिलता है। प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र का विकास मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत किया जा रहा है। 2017 से पहले विरासत के प्रति सम्मान का भाव नहीं था। 2017 के पहले कब्रिस्तान की चिंता थी। किसी पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की चिंता नहीं थी। यूपी 2017 से पहले डोमेस्टिक टूरिज्म के क्षेत्र में काफी पिछड़ा था। यूपी सारे आंकड़ों को तोड़ते हुए आज नंबर एक पर पहुंच चुका है। प्रयागराज में हुए भव्य दिव्य कुंभ के बारे में हर कोई जानता है। तीर्थ विकास परिषद का गठन करते हुए तीर्थों के भव्य स्वरूप को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वैभव को संरक्षित करते हुए विकसित करने का कार्य हो रहा है। इसमें ब्रज तीर्थ विकास, विंध्य धाम, चित्रकूट धाम, अयोध्या धाम, शुकतीर्थ, देवी पाटन धाम और नैमिष धाम तीर्थ विकास परिषद शामिल है। प्रदेश में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, मथुरा-वृंदावन में पर्यटन विभाग हेलीपोर्ट के निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। श्रृंगवेरपुर में निषादराज पर्यटन स्थल और बहराइच में महाराज सुहेलदेव स्मारक के निर्माण के अलावा नैमिष में वेद विज्ञान अनुसंधान केंद्र की स्थापना हो रही है। इसके साथ ही कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण का कार्य भी हो रहा है। विदुर कुटी और हस्तिनापुर को भी विकसित किया जा रहा है।