चैन्नई में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा स्थापित
अथाह ब्यूरो
लखनऊ/ चेन्नई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने किया था। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि वीपी सिंह ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करके पिछड़ों को अधिकार और सम्मान दिलाने का काम किया था। जो मंडल कमीशन बहुत दिनों से किसी की नजर में नहीं आ रहा था उसे लागू करने का काम किया था। उनका साथ तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, इनके पिताजी एम.करूणानिधि, उत्तर प्रदेश से नेताजी मुलायम सिंह यादव, बिहार से लालू प्रसाद यादव और शरद यादव सहित तमाम नेताओं ने दिया, जो दलितों, पिछड़ों की आवाज थे। जिस तरह से बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर ने दलित आबादी को आरक्षण दिया उसी तरह से मंडल कमीशन लागू होने से पिछड़े वर्गों के सपनें पूरे हुए।
अखिलेश यादव ने कहा कि चेन्नई में प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा लगना दक्षिण भारत के साथ-साथ पूरे देश उत्तर प्रदेश और बिहार, हरियाणा के लिए बड़ा संदेश है। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी बड़ा संदेश है। स्टैच्यू लगाने के लिए उन्होंने एम.के. स्टालिन को अपनी तरफ से, सपा की तरफ से और जिन्हें मंडल कमीशन लागू होने के बाद अधिकार और सम्मान मिला उनकी तरफ से बधाई दी। उन्होंने कहा मंडल कमीशन लागू होने के बाद देश में वीपी सिंह और उनके साथ के नेताओं को तमाम तरह का विरोध झेलना पड़ा था और बातें सुननी पड़ी थी। मंडल कमीशन के विरोध में आंदोलन हुआ। बसें जला दी गई। सरकारी दफ्तरों में तोड़फोड़ हुई। उस समय जिन लोगों ने पिछड़ों के अधिकारों का विरोध किया था। जान देने का प्रयास किया था, न जाने क्या- क्या बाते कहीं थी वहीं लोग 10 प्रतिशत ईडब्लूएस आरक्षण लेने में सबसे आगे रहे। हम लोगों ने कोई विरोध नहीं किया। क्योंकि हम जानते हैं कि पिछड़ों को किस तरह से हजारों सालों से अधिकार से वंचित रखा गया था जो अधिकार उन्हें मिलना चाहिए था वह नहीं मिला था।
यादव ने कहा कि दिल्ली की सरकारों ने पिछड़ों को अधिकार नहीं दिया। दिल्ली की सरकारें निजीकरण की तरफ जा रही हैं। अगर सब कुछ निजी हाथों में चला जाएगा तो संविधान के अनुसार हक और सम्मान कैसे मिलेगा। पिछड़ों को जो हक दिलाया गया है वह सपना कैसे पूरा होगा? जो रास्ता डा. राममनोहर लोहिया, नेताजी ने देखा था उसे पूरा करना है। हमें उन सभी नेताओं के संघर्श को याद करना चाहिए जिन्होंने जोखिम उठाकर पिछड़े वर्गों को 27 फीसदी आरक्षण देकर उन्हें हक और सम्मान दिया और पिछड़ों, दलितों के आरक्षण को बढ़ाया। उन्होंने कहा कि बात यही नहीं खत्म होती है। अब जातीय जनगणना का मामला है। जातीय जनगणना के साथ कैसे लोगों को बराबरी पर खड़ा किया जाए। जातीय जनगणना होने से सभी जातियों की संख्या की जानकारी होगी। उन्हें हक और सम्मान दिलाया जा सकेगा। जातीय जनगणना से ही सामाजिक न्याय का लक्ष्य पूरा होगा।
कार्यक्रम को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और अन्य नेताओं ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर वीपी सिंह की पत्नी सीता कुमारी और उनके पुत्र अजय सिंह समेत बड़ी संख्या में गणमान्य नेता मौजूद रहे।