Dainik Athah

जनरल वीके सिंह ने मुख्यमंत्री से की शिकायत तो डीएम ने किया जवाब तलब

  • जिले के अफसर स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री की करते हैं उपेक्षा
  • जनरल वीके सिंह का आरोप विभाग लोकार्पण- शिलान्यास कार्यक्रमों में नहीं बुलाते
  • विकास कार्यों के पत्थर पर उनका नाम नहीं लिखा जाता

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह गाजियाबाद से दूसरी बार के सांसद है। इतना ही नहीं वे केंद्र सरकार में दो महत्वपूर्ण विभागों सड़क परिवहन- राजमार्ग एवं नागर विमानन मंत्रालय में राज्यमंत्री भी है। बावजूद इसके उनके ही संसदीय क्षेत्र में तैनात विभिन्न विभागों के अधिकारी उनकी उपेक्षा करते हैं। न तो उन्हें लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रमों में बुलाया जाता और न ही विकास कार्यों के पत्थर पर उनका नाम लिखते हैं। अब मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने जिले के अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
यह बात हम नहीं कह रहे। यह बात खुद केंद्रीय राज्यमंत्री एवं स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह ने खुद कही है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। वीके सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में शिकायत की है कि उनका गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र विकासशील लोकसभा है और लगातार विकास की राह पर अग्रसर है। उन्होंने इसका श्रेय मुख्यमंत्री को देते हुए कहा कि सांसद बनने के बाद केंद्र सरकार ने योग्य समझते हुए उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री का पदभार सौंपा। इसके साथ ही उनके द्वारा गाजियाबाद में अनेकों बड़े बड़े विकास कार्यों के शिलान्यास व लोकार्पण जनहित में उनके द्वारा किये गये जिसमें जनता का भरपूर समर्थन एवं सराहना मिलती रही है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जनरल वीके सिंह ने कहा कि गाजियाबाद लोकसभा उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी एवं घनी आबादी वाली लोकसभा है जिसमें लगातार विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास होते रहते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का जनप्रतिनिधि एवं केंद्रीय राज्यमंत्री होने के नाते उनका कर्त्तव्य है कि लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रमों में जनता का प्रतिनिधित्व करूं और आगामी चुनावों में सरकार की जीत सुनिश्चिित हो सके। परंतु दुर्भाग्यवश पिछले काफी समय से गाजियाबाद क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराये जाने वाले विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रमों में जिनमें उनकी भागीदारी उपयुक्त है में उन्हें आमंत्रित तो किया ही नहीं जाता, साथ ही लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यों के शिलान्यास पट्ट पर उनका नाम सांसद होने के नाते भी अंकित नहीं किया जाता। यह शासनादेश का उल्लंघन एवं शिष्टाचार की अवमानना है। जिससे उनकी एवं सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इससे सरकार को विकास कार्यों का श्रेय भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने शिकायत में मुख्य रूप से बीडीओ लोनी, रजापुर, मुरादनगर, ईओ खोड़ा, लोनी, मुरादनगर, नगर पंचायत डासना, जिला पंचायत अधिकारी हापुड़ व गाजियाबाद, पीओ डूडा के नामों का विशेष रूप से उल्लेख किया है।

जनरल वीके सिंह के पत्र को गंभीरता से लेते हुए विशेष सचिव एवं अपर विधि परामर्शी पूनम त्रिवेदी ने अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव नियुक्ति, ग्राम्य विकास, नगर विकास एवं पंचायती राज विभाग को पत्र भेजकर कहा है कि वे जनरल वीके सिंह के पत्र का संज्ञान लेकर कार्यवाही के लिए संबंधित को निर्देशित करें जिससे वे लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रमों में अपनी एवं सरकार की भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।

जिलाधिकारी ने एक सप्ताह में मांगा स्पष्टीकरण
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने जिन अधिकारियों के नाम जनरल वीके सिंह ने लिखे हैं उनसे एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा है कि उनका कार्य शासनादेश का उल्लंघन एवं शिष्टाचार की अवमानना है। उन्होंने कहा कि माननीय मंत्री जी की अवमानना के संबंध में एक सप्ताह में स्पष्टीकरण दें जिससे शासन एवं मंत्री जनरल वीके सिंह आख्या प्रेषित की जा सके।


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