- गाजियाबाद सदर तहसील में दिन दहाड़े हुई गोलीबारी से हड़कंप
- अपने चैंबर पर खाना खा रहे थे वकील मोनू चौधरी
- मृतक की पत्नी ने जीजा, उसके भाई, पिता समेत पांच लोगों को किया नामजद
- तहसील में पुलिस तैनात, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दे रही दबिश
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद सदर तहसील में दिन दहाड़े एक वकील की उसके ही चैंबर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है तथा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एहतियातन तहसील परिसर में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। मामले में मृतक की पत्नी ने जीजा, उसके भाई, पिता समेत पांच लोगों को नामजद किया है। मुख्य दो आरोपी भी पेशे से वकील है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
दोपहर करीब दो बजे गाजियाबाद सदर तहसील में स्थित अपने चैंबर 95 नंबर में तहसील बार एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव वकील मनोज चौधरी उर्फ मोनू खाना खा रहे थे। उसी समय उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस चैंबर पर दुहाई निवासी मुनेश त्यागी के साथ ही मोनू चौधरी भी बैठते थे। हत्या की खबर पूरी तहसील में आग की तरह फैल गई और मौके पर सैकड़ों वकील एवं बैनामा लेखक एकत्र हो गये। इसके साथ ही पुलिस को सूचना दी गई। जानकारी मिलने पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश पी, डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है। इसके साथ ही तहसील परिसर में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई।
बताया जाता है कि मृतक मनोज उर्फ मोनू चौधरी के पिता पुलिस में थे तथा वह परिवार के साथ गोविंदपुरम में रहते हैं। मृतक के साथ उसके ससुराल पक्ष के लोग भी इसी चैंबर पर बैठते हैं। घटना के समय मोनू चौधरी तीन- चार अन्य लोगों के साथ खाना खा रहे थे। बताते हैं कि उनमें आरोपी भी शामिल थे। हत्यारों ने मोनू चौधरी की कनपटी पर सटाकर गोली मारी थी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
जीजा, उसके भाई, पिता समेत पांच नामजद
इस मामले में मृतक की पत्नी कविता चौधरी ने मृतक के जीजा अमित डागर, उसके भाई नितिन डागर, पिता मदन डागर, अनुज एवं पाल उर्फ अमित को नामजद किया है। तहरीर में कविता ने कहा कि बुधवार को सुबह ही उन्हेंं फोन कर धमकाने की कोशिश की थी। इसके साथ ही मनोज चौधरी को फोन कर जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद ही उनके पति मनोज चौधरी की हत्या कर दी गई।
गोलियां चलाने के मामले में जेल जा चुका है अमित डागर
अमित डागर ने 15 जनवरी को अपनी मां ओमवती, पत्नी सरिता और दो बच्चों पर फायरिंग की थी। बताते हैं कि मां के गोली लगी भी थी। पुलिस ने उस समय अमित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन कमजोर पैरवी के चलते वह जल्द ही जेल से जमानत पर बाहर आ गया था।
पत्नी रहती थी भाई मनोज चौधरी के घर
अमित डागर का अपनी पत्नी सरिता से विवाद चल रहा था। इस कारण वह पति का घर छोड़कर अपने भाई मनोज के घर गोविंदपुरम रहने लगी थी। इसको लेकर अमित डागर एवं मनोज के बीच विवाद चला आ रहा था।
क्या पुलिस के पास स्ट्रेक्चर भी नहीं थी: कुशवाहा
तहसील बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वेदपाल कुशवाहा ने कहा कि पुलिस जिस प्रकार मृतक वकील के शव को लेकर गई, वह तरीका निंदनीय है। क्या पुलिस के पास स्ट्रेक्चर भी नहीं थी जो शव को गलत तरीके से लेकर गई। इसके साथ ही राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय ने बयान जारी कर इस बात पर नाराजगी जताई कि पुलिस ने शव को भी सम्मानजनक तरीके से नहीं उठाया।
मनोज चौधरी उर्फ मोनू चौधरी की हत्या के मामले में मृतक की पत्नी कविता ने मृतक के जीजा अमित डागर, उसके भाई नितिन डागर, पिता मदन, अनुज, पाल उर्फ अमित को नामजद किया है। अमित डागर भीअधिवक्ता है तथा नोएडा में वकालत करता है। उसका भाई गाजियाबाद सदर तहसील में वकालत करता है। इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें गठित की गई है जो दबिश दे रही है। आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जायेगी।
निपुण अग्रवाल, पुलिस उपायुक्त सिटी, गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट