आधुनिक कृषि के तरीके सिखाने के लिए
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। एनसीआरटीसी गाजिÞयाबाद और मेरठ जिलों में किसानों को आधुनिक कृषि के नए तरीके सिखाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है । इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की एक टीम के द्वारा इस इलाके के किसानों को आधुनिक कृषि के नए तौर तरीके सिखाए जा रहे हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पहले चरण में गाजियाबाद और मेरठ जिले के भूड़ बराल, कादराबाद, नंगला मूसा, असालत नगर, काकड़ा, शाहपुर, सारा, कनौजा, सिकरी खुर्द आदि गांव में आयोजित किया गया है।
एनसीआरटीसी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम आधुनिक किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के विषय में जागरुक करने, इनमें उनके कौशल को विकसित करने और प्रशिक्षण प्रदान करने की एक पहल है। इस कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने हाइड्रोपोनिक्स जैसी आधुनिक कृषि तकनीक और संरक्षित कृषि कौशल के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया है।
हाईड्रोपोनिक्स या जल संवर्धन कृषि एक ऐसी तकनीक है, जिसमें फसलों को खेत में उगाए जाने के बजाए, केवल पानी और पोषक तत्वों की सहायता से से उगाया जाता है। इसे ‘जलीय कृषि’ भी कहते हैं। कृषि की यह तकनीक पर्यावरण अनुकूल होती है। इस तकनीक से उगाए गई फसलों को कम पानी की जरूरत होती है, जिससे पानी की बचत होती है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान किसानों को यह भी सिखाया गया कि हाइड्रोपोनिक्स और संरक्षित खेती के प्रशिक्षण से उनकी आय में किस प्रकार वृद्धि होगी। पारंपरिक कृषि के लिए किसान मौसम पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में किसी भी विपरीत जलवायु में फसल खराब हो जाने का खतरा रहता है। यह आधुनिक तकनीक खराब मौसम के कारण होने वाले नुकसान को भी कम करती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों की इसी श्रृंखला में दिल्ली- गाजिÞयाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के आसपास बसे लगभग 52 गांवों के लगभग 1500 किसानों के लिए 104 प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे जिनके माध्यम से इन सभी किसानों को कौशल विकास कार्यक्रम का लाभ मिलेगा।
वर्तमान में दिल्ली-गाजिÞयाबाद-मेरठ कॉरिडोर का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरे कॉरिडोर को परिचालित कर दिया जाए। उससे पहले 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को इसी वर्ष जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा।