अथाह ब्यूरो
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर मौन जुलूस निकालकर देश के बंटवारे में अपनी जान गवाने वाले लाखों भाई-बहनों के संघर्ष व बलिदान को स्मरण करके श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रदेश के सभी संगठनात्मक 98 जिलों में देश के बंटवारे के दौरान हुई भयावहता, क्रूरता और नरसंहार से रक्त रंजित इतिहास तथा करोड़ो लोगों के विस्थापन तथा बलिदान की त्रासदी पर संगोष्ठियों के माध्यम से चर्चा की गई। इसके साथ ही सभी जिलों में प्रदर्शनी लगाकर चित्रों, पोस्टर तथा चलचित्र के माध्यम से नई पीढ़ी के समक्ष देश के विभाजन की विभीषिका को प्रदर्शित किया गया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने वाराणसी तथा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह मऊ में मौन जुुलूस में सम्मिलित हुए तथा संगोष्ठी व प्रदर्शनी में विभाजन की विभीषिका पर संवाद किया। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज महानगर तथा बृजेश पाठक ने लखनऊ महानगर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तहत आयोजित मौन जुलूस, संगोष्ठी व प्रदर्शनी में सहभागिता की।
प्रदेश महामंत्री सुभाष यदुवंश ने बताया कि प्रदेश के 98 संगठनात्मक जिलों में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तहत आयोजित मौन जुलूस, संगोष्ठी तथा प्रदर्शनियों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र ंिसंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक तथा प्रदेश सरकार के मंत्री, प्रदेश के पदाधिकारी, सांसद, विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सभी जनप्रतिनिधि, पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। यदुवंश ने बताया कि राष्ट्रीय महामंत्री राधा मोहन दास अग्रवाल गोरखपुर जिला, राष्ट्रीय मंत्री सुरेन्द्र नागर मुरादाबाद, प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना गोेरखपुर महानगर, स्वतंत्र देव सिंह संतकबीर नगर, बेबी रानी मौर्य झांसी, दयाशंकर सिंह देवरिया, जयवीर सिंह फिरोजाबाद, असीम अरूण हाथरस, ब्रजेश सिंह गोतमबुद्धनगर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी बरेली, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा बाराबंकी, प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला वाराणसी, सुभाष यदुवंश अयोध्या, रामप्रताप चौहान मथुरा, राज्यसभा सदस्य विजयपाल सिंह तोमर सहारनपुर, पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आगरा में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर मौन जुलूस में सम्मिलित हुए तथा संगोष्ठियों में देश के बंटवारे के रक्त रंजित कालखंड पर संवाद किया।