Dainik Athah

स्वतंत्रता दिवस से पहले भी हो सकती है नये अध्यक्षों की घोषणा

  • भाजपा जिला- महानगर अध्यक्षों की उलटी गिनती शुरू
  • घोषणा से पहले क्षेत्रीय अध्यक्ष की राय जानेंगे प्रदेश अध्यक्ष
  • कई अध्यक्षों को मिल सकता है अगला कार्यकाल

अथाह संवाददाता
लखनऊ।
भारतीय जनता पार्टी के जिला व महानगर अध्यक्षों की अब उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। यह भी संभव है कि वर्तमान अध्यक्षों को शायद पार्टी कार्यालयों पर ध्वजारोहण का समय भी प्रदेश नेतृत्व न दें। हालांकि प्रदेश में करीब आधे अध्यक्षों को अगला कार्यकाल मिलने की चर्चा भी जोरों पर है।
भाजपा के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने अब जिला व महानगर अध्यक्षों में बदलाव के मामले को लंबे समय तक न टालने का निर्णय ले लिया है। इसका कारण यह है कि जैसे जैसे लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे ही बदलाव की संभावनाएं क्षीण होती जायेगी। इसके साथ ही केंद्रीय नेतृत्व भी अधिक देरी होने पर शायद बदलाव की हरी झंडी न दें। यहीं कारण है कि इस सप्ताह के प्रारंभ से ही प्रदेश नेतृत्व ने जिला व महानगर अध्यक्षों को लेकर मंथन तेज कर दिया है।

सूत्रों की मानें तो बदलाव से पहले सभी क्षेत्रीय अध्यक्षों को लखनऊ बुलाकर उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी एवं प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह विचार विमर्श करेंगे। इस दौरान जिलों में भेजे गये पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर भी विचार किया जायेगा। यदि सूत्रों पर भरोसा करें तो पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया लखनऊ से होकर वापस आ चुके हैं। माना जा रहा है कि उनकी प्रदेश नेतृत्व से बात हो चुकी है। लेकिन अब अन्य क्षेत्रीय अध्यक्षों के लखनऊ पहुंचने की बारी है। सूत्र यह भी बताते हैं कि प्रदेश नेतृत्व जितनी पहले उम्मीद जता रहा था उतनी संख्या में शायद बदलाव न हो। बदलाव सीमित भी हो सकता है। इस स्थिति में बड़ी संख्या में वर्तमान अध्यक्षों को जीवनदान भी मिल सकता है।

अपनी कुर्सी बचाने के लिए वर्तमान अध्यक्षों ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। किसे जिले व महानगर का अध्यक्ष अपने पक्ष में विधायकों को लामबंद कर रहा है तो कोई सांसदों के सहारे अपनी कुर्सी बचानी चाह रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा के मातृ संगठन राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ की शरण में भी अनेक दावेदार लगे हुए हैं। पार्टी नेतृत्व के सामने परेशानी का कारण यह है कि संघ जो आला अधिकारी प्रदेश से दूर जा चुके हैं वे भी अपने खास लोगों के लिए प्रयासरत है।

प्रदेश कार्यालय से जो खबरें छन कर आ रही है उसके अनुसार पार्टी नेतृत्व स्वतंत्रता दिवस से पहले ही इस बदलाव को अंतिम रूप देने का प्रयास कर रहा है। इसके अनुसार 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर घोषणा हो सकती है। यदि कुछ कमियां रह गई तो 16 या 17 अगस्त तक हर हालत में घोषणा हो सकती है। हालांकि इससे पूर्व भी ेऐसा हुआ है कि दो माह से लगातार समय आगे बढ़ता रहा है। अब देखते हैं आगे क्या होगा।

गाजियाबाद जिला व महानगर से दावेदारों की लंबी फेहरिस्त
यदि गाजियाबाद जिले को देखें तो जिले में वर्तमान अध्यक्ष दिनेश सिंघल को जहां 2024 तक अभयदान देने की चर्चा है, वहीं इस पद के लिए अनूप बैंसला, डीडी यादव, जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र चौधरी, स्वदेश जैन, जितेंद्र चितौड़ा, अमित चौधरी, डा. पवन सिंघल के नामों की चर्चा तेज है। एक नाम विनय चौधरी का है, लेकिन वह लगातार तीन बार से महानगर में ही पदाधिकारी है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के यहां विनय चौधरी की पैरवी हो रही है। यदि महानगर की बात करें एक लॉबी जहां वर्तमान अध्यक्ष संजीव शर्मा को बनाये रखने की पक्षधर है, तो दूसरी तरफ केके शुक्ला, मानसिंह गोस्वामी, अजय शर्मा, अश्वनी शर्मा, राजेश त्यागी, एससी में सुशील गौतम के नाम है। पूर्व महानगर अध्यक्ष एवं पूर्व क्षेत्रीय महामंत्री अशोक मोंगा ने दावेदारी पेश नहीं की है, लेकिन एक बड़ा वर्ग उन्हें 2024 के मद्देनजर अध्यक्ष पद की कमान सौंपने का पक्षधर है। अब देखते हैं कि ऊंट किस करवट बैठता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *