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लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान राशि 20 से बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रतिमाह हो: राजेंद्र चौधरी

सपा के मुख्य प्रवक्ता ने सदन में उठाया मुद्दा

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
आजादी के लिए आंदोलन में यदि 9 अगस्त 1942 की तिथि का बड़ा महत्व है। 25 जून 1975 की तारीख को आजाद भारत में आपातकाल के काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है। आपातकाल के विरोध में लाखों लोगों ने जेल की यातना भोगी। तमाम घर बर्बाद हो गए। जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने लोकतंत्र बचाने के लिए यातनाएं सहने वाले लोकतंत्र सेनानियों के योगक्षेम की चिंता की।
समाजवादी सरकार में लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में सम्मान राशि में क्रमानुसार वृद्धि करते हुए 20 हजार रुपये की धनराशि इस समय दी जा रही है। अखिलेश यादव की प्रेरणा से राजेन्द्र चौधरी द्वारा लोकतंत्र सेनानी अधिनियम में लोकतंत्र सेनानियों को चिकित्सा, परिवहन की सुविधा के साथ उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करने की भी व्यवस्था की गई थी। इन दिनों बढ़ती महंगाई और सरकारी भ्रष्टाचार से त्रस्त जनसामान्य और लोकतंत्र सेनानियों की कठिनाइयों को देखते हुए सपा एमएलसी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने विधान परिषद में नियम 115 के अन्तर्गत सूचना में कहा कि देश में सन 1975-76 में आपातकाल लागू हुआ था। लोकतंत्र को बचाने के संघर्ष में बड़ी संख्या में लोगों ने जेल में शारीरिक और मानसिक यातनाएं भोगी थी। लोकतंत्र सेनानियों की प्रतिष्ठा में समाजवादी सरकार में अधिनियम बनाकर सम्मान राशि प्रदान करने की व्यवस्था की गई थी।
चौधरी ने सदन के माध्यम से लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान राशि 20 हजार रुपये में वृद्धिकर प्रतिमाह 30 हजार रुपये करने की मांग की है।


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