- योगी सरकार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की थी योजना
- पांचवे सत्र के लिए संस्कृत संस्थान की ओर से मांगे गये आवेदन
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने अपने पांचवें सत्र की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। इसके लिए विभाग की ओर से अभ्यर्थियों से एक अगस्त से आॅनलाइन आवेदन पत्र मांगे गये हैं। यह प्रक्रिया 31 अगस्त तक चलेगी। इसके बाद पांचवे सत्र के लिए सितंबर के अंत तक प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा। वहीं अक्टूबर में पांचवें सत्र की शुरूआत कर दी जाएगी। मालूम हो कि योगी सरकार की संस्कृत को बढ़ावा देने की पहल का ही नतीजा है कि लोगों का संस्कृत की ओर रुझान बढ़ने लगा है। लोग संस्कृत पढ़ने और सीखने के साथ-साथ इसमें रोजगार के प्रति भी रुचि लेने लगे हैं। खासतौर पर सिविल सेवा के लिए संस्कृत की मांग बढ़ने लगी है। योगी सरकार द्वारा संचालित सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग एवं मार्गदर्शन योजना का लाभ उठाकर पिछले चार वर्षों में राज्य सिविल सेवा परीक्षा में 13 अभ्यर्थी उच्च स्थान प्राप्त करते हुए डिप्टी कलेक्टर से लेकर डिप्टी एसपी पद पर चयनित हुए हैं। इसके अलावा सबआर्डिनेट सर्विसेज में कुल 19 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। वहीं लाखों की संख्या में युवा आॅनलाइन के जरिए संस्कृत भाषा सीख रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी की इस पहल का प्रदेश के युवा ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्य के युवा भी लाभ उठा रहे हैं।
पांचवे सत्र के लिए आॅनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने, संस्कृत साहित्य को रोजगारपरक बनाने एवं प्रशासन में सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्?देश्य से पिछले चार वर्षों से विभाग की ओर से फ्लैगशिप कार्यक्रम सिविल सेवा निशुल्क एवं प्रशिक्षण मार्गदर्शन का आयोजन किया जा रहा है। इसके पांचवें सत्र की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। इसके लिए विभाग की ओर से अभ्यर्थियों से 1 अगस्त से आॅनलाइन आवेदन पत्र मांगे गये हैं। यह प्रक्रिया 31 अगस्त तक चलेगी। इसके बाद पांचवे सत्र के लिए सितंबर के अंत तक प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा। वहीं अक्टूबर में पांचवें सत्र शुरू कर दिया जाएगा। पूरा सत्र 10 माह का होता है, जिसमें प्रशिक्षण तीन चरणों में पूरा किया जाता है। विशेषज्ञों की ओर से इसमें व्याकरण, भाषाशास्त्र, दर्शन, महाकाव्य, संस्कृत नाट्यशास्त्र, संस्कृत गद्य एवं पद्य आदि की पढ़ाई कराई जाती है। यूजीसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या फिर समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 21 से 35 वर्ष आयु के सभी वर्ग के अभ्यर्थी इस योजना के पात्र हो सकते हैं।
सिविल सेवा में संस्कृत चुनने वालों को सीधे मिलेगा प्रवेश
प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थियों से सामान्य अध्ययन एवं सामान्य संस्कृत ज्ञान विषय पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे, जो 100 प्रश्न संस्कृत और हिंदी के होते हैं एवं 85 प्रश्न सामान्य अध्ययन और 15 प्रश्न संस्कृत के सामान्य ज्ञान, व्याकरण एवं साहित्य से संबंधित होंगे। इसके अलावा ऐसे अभ्यर्थियों जिन्होंने वर्ष 2022-23 में संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में ऐच्छिक विषय के रूप में संस्कृत विषय को चुना हो, उन्हे सीधे प्रवेश दिया जाएगा। इनकी अधिकतम संख्या 13 अभ्यर्थियों की ही रहेगी। इतना ही नहीं सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग के अभ्यर्थियों को तीन हजार छात्रवृत्ति भी दी जाती है। इसके लिए अभ्यर्थियों की क्लास में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। साथ ही छात्रवृत्ति के लिए उनकी मासिक प्रगति रिपोर्ट का भी आंकलन किया जाता है।