- सीएम योगी ने सभी जनपदों में लोगों को आपदा के प्रति जागरूक करने के दिए निर्देश
- जनपदों में सरकारी और निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को दी जाएगी राहत कार्यों की ट्रेनिंग
- स्कूलों में बच्चों के साथ अभिभावकों को जागरूक करेंगे प्रशिक्षित प्रधानाचार्य और शिक्षक
- इंटीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम को और प्रभावी बनाने के निर्देश, प्रत्येक गांव तक पहुंचेगा अलर्ट
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। आपदाओं से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए सीएम योगी गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बाढ़, भूकंप, आकाशीय बिजली समेत अन्य आपदाओं के प्रति पूरे प्रदेश को जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया है। इसके लिए सीएम ने प्रत्येक जनपद में ‘मुख्यमंत्री आपदा सुरक्षा सम्मेलन’ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीएम ने ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा से संबंधित अलर्ट को और अधिक प्रभावी बनाने को लेकर भी महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है की प्रदेश में प्रतिवर्ष लोगों को आपदाओं के प्रति आगाह और जागरूक किया जाता है। इंटीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सेंटर के माध्यम से जनपदों, तहसील और ब्लॉक स्तर पर मौसम की जानकारी दी जाती है। सीएम ने पूरे प्रदेश में इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के आदेश दिए हैं।
आपदा में राहत कार्यों के लिए किया जाएगा प्रशिक्षित
प्रदेश के आपदा आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि सीएम ने निर्देश दिए हैं कि आपदा के प्रति जागरूकता को लेकर अच्छा कार्य किया जा रहा है और इससे पूरे प्रदेश को कवर किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया की सीएम ने निर्देश दिया है की सभी जनपदों में स्थापित इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को सेफ सिटी के अंतर्गत स्थापित ICCC से इंटीग्रेटेड किया जाना चाहिए। समस्त विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्यों को राहत कार्यों के बारे जागरूक और प्रशिक्षित करने के लिए जनपद स्तरीय “मुख्यमंत्री आपदा सुरक्षा सम्मेलन” आयोजित किया जाए। इसमें सिर्फ सरकारी विद्यालय ही नहीं बल्कि निजी विद्यालय, एनसीसी, एनएसएस महिला मंडल, स्काउट गाइड एवं अन्य स्वयंसेवकों को भी शामिल किया जाएगा। ये सभी अपने विद्यालयों व संस्थानों में अन्य लोगों को प्रशिक्षित करेंगे।
गांवों तक भी पहुंचेगा मौसम का अलर्ट
सीएम योगी ने ये भी निर्देश दिया की शहरों की तरह गांवों में भी मौसम का अलर्ट मिलना चाहिए। इसके लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम (पीडीए) का उपयोग करना चाहिए। राहत आयुक्त ने बताया की शहरों में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के माध्यम से इंटीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम दिए जाने की व्यवस्था है। राहत आयुक्त कार्यालय से एपीआई के माध्यम से जनपद स्तर पर अलर्ट भेजा जाता है, जहां से तहसील और ब्लॉक स्तर पर कर्मचारियों को रियल टाइम वॉइस मैसेज व एसएमएस भेजने की सुविधा है। इससे इन क्षेत्रों को ऑरेंज, रेड, ग्रीन एलर्ट के माध्यम से बाढ़, भारी बारिश और मौसम की जानकारी दी जाती है जिससे वो सावधान हो जाते हैं। इसी तरह की व्यवस्था अब गांवों में भी शुरू की जाएगी।