Dainik Athah

जलवायु एवं मृदा के प्रदूषण को कम करने के लिए किसान नैनों यूरिया एवं नैनों डीएपी का प्रयोग करें: कृष्णवीर सिंह

समय-समय पर किसान हितों वाली कार्यशालाओं का हो आयोजन: सीडीओ

अथाह संवाददाता

गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार, कलैक्ट्रेट में जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन मुख्य विकास अधिकारी  विक्रमादित्य सिंह मलिक के आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता  कृष्णवीर सिंह अध्यक्ष जिला सहकारिता बैक ने की। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों के साथ साथ अधिकारियों को नैनों यूरिया के बारे में जानकारी प्रदान करना है जिससे अधिकारियों और उपस्थित किसानों की मदद से गांव—गांव जाकर किसानों को इसके बारे में जानकारी दी जा सके। कृष्णवीर सिंह ने बताया कि यूरिया का लगतार प्रयोग बढ़ता जा रहा है। जिससे किसानों का नुकसान बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि ज्यादा यूरिया के प्रयोग जहर के सामान है। जिससे फसलें खराब हो रही है और मृदा प्रदूषित हो रही है। जबकि नैनों यूरिया और नैनो डीएपी किसानों के लिए वरदान है। भारतीय किसानों के दिल की धड़कन है, गाजियाबाद के किसानों कि कृषि 49 प्रतिशत इफफो का सहयोग है। रामजतन मिश्रा उपकोष कृषि निदेशक कृषि ने कहा कि प्रधानमंत्री ने समाज तथा मानवहित, राष्ट्रहित में रासायनिक यूरिया का प्रयोग कम करने के लिए कहा। जलवायु एवं मृदा के प्रदूषण को कम करने के लिए किसान नैनों यूरिया एवं नैनों डीएपी का प्रयोग करें।

अत्याधिक यूरिया के प्रयोग से फसलों में कीड़ें एवं अधिक बीमारियां लग रही हैं तथा जलवायु और मृदा मिट्टी अधिक प्रदूषित हो रही है। अत: किसानों को रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कम करना चाहिए तथा जैव उर्वरक और नैना यूरिया का समावेश करना चाहिए।मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार कि कार्यशाला का समय—समय पर आयोजन होना चाहिए। जिससे किसानों को खेेती करने सहित अपनी फसलों की रक्षा करने के नई—नई विधियां ज्ञात हो सके। उन्होने की जिला प्रशासन सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए प्रदेश को उन्नत बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

इस मौके पर विकास कुमार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, श्रद्धा आंनग जिला सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक, डीडी कृषि, जिला उद्यान अधिकारी के साथ साथ अन्य सम्बंधित अधिकारी और इफफो के अधिकारी भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का आयोजन हरीश कुमार तेवतिया उप महाप्रबधंक इफफों गाजियाबाद ने किया। कार्यक्रम में जनपद के सहकारी समितियों के अध्यक्ष एवं लगभग 85 किसानों ने भाग लिया।

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