अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के झूठे दावों की कलई एक-एक कर खुलती जा रही है। मुख्यमंत्री के अपराधमुक्त प्रदेश के दावो की हवा अदालतों में दिनदहाड़े गोलीकांडों से निकल चुकी है। प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। अपराधी खुलेआम हत्याएं कर रहे हैं। हर तरफ डर का माहौल है। सरकार को अब खुद एमओयू करने वाले निवेशकों को खोजना पड़ रहा है।
उन्होेंने कहा भाजपा सरकार में बीती फरवरी में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में प्रदेश में 33 लाख करोड़ के निवेश का दावा था। इसी भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में 4.50 लाख करोड रुपए निवेश के एमओयू का दावा किया गया था। लेकिन जमीन पर न कोई उद्योग लगा न किसी को रोजगार मिला। जिन नौजवानों ने नौकरियों की मांग की तो उन्हें भाजपा सरकार ने लाठियों से पिटवाया। हकीकत तो यह है कि इन्वेस्टर्स समिट में पहले तो भाजपा सरकार के दबाव में कुछ निवेशक हां कहकर चले गए लेकिन अब उनका पता नहीं चल रहा है।
यादव ने कहा भाजपा सरकार प्रदेश में इन्वेस्टमेंट के बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन अब निवेश को जमीन पर उतारने के लिए अधिकारियों को ढूंढ़ने पर भी निवेशक नहीं मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक जिले गाजियाबाद के आंकड़ों ने सरकार के निवेश दावे की हवा निकाल दी है। इन्वेस्टर्स समिट में 28 विभागों के लिए 3328 निवेशकों ने 110484.12 करोड़ रुपए के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये थे। लेकिन इनमें से बड़ी संख्या में निवेशक अधिकारियों के सम्पर्क में ही नहीं आ रहे हैं। उदाहरण के तौर पर हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग में 607 एमओयू हुए। उनमें से 400 एमओयू करने वालों से विभाग का सम्पर्क ही नहीं हो पा रहा है। इसी तरह से उद्यान विभाग में 57 एमओयू हुए। उनमें से 26 से विभाग का सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। इसी तरह से एमएसएमई पशुपालन विभाग, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक विभागों की भी यही स्थिति है।
उन्होंने कहा सच तो यह है कि इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर जो भी आदमी सूटबूट में दिखा उसे भाजपा सरकार ने प्रशासन के इन्वेस्टर्स बताकर एमओयू कर लिया। लेकिन अब कोई भी उद्योग कारखाने लगाने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री के बयानों से उत्तर प्रदेश की साख गिरने के साथ ही उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता से धोखा हुआ है।