- योगी सरकार के प्रयासों का मिला प्रतिफल, 2019 की तुलना में 2021 में घटी सड़क हादसों और मृतकों की संख्या
- रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग भी बना मददगार, स्कूलों द्वारा चलाए गए अभियान और गतिविधियां रहीं असरदार
- सड़क सुरक्षा संबंधित प्रतियोगिताओं, जागरूकता अभियान व रैली जैसे कार्यक्रमों का जनमानस पर पड़ा अनुकूल प्रभाव
- सड़क हादसों को रोकने के लिए स्कूली बच्चों के माध्यम से चलाए जा रहे अभियान से बेसिक शिक्षा विभाग जारी रखेगा योगदान
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। रोड एक्सीडेंट में कमी लाने के लिए योगी सरकार के प्रयासों में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। सड़क हादसों को रोकने के लिए बेसिक शिक्षा के स्कूलों की ओर से चलाए गए विभिन्न अभियानों के चलते हादसों में अभूतपूर्व कमी भी देखी गई है। परिवहन विभाग द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका में बेसिक शिक्षा विभाग की इस उपलब्धि का जिक्र करते हुए सराहना की गई है। साथ ही, इसे आगे भी जारी रखने के लिए आग्रह किया गया है। उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग की अपील पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के माध्यम से सड़क सुरक्षा संबंधित प्रतियोगिताओं के साथ जागरूकता अभियान व रैली जैसे कार्यक्रमों का जनमानस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सड़क दुर्घटनाओं में दर्ज की गई कमी
संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार द्वारा समस्त मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को जारी पत्र में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं एवं मृतकों की संख्या में कमी लाए जाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा प्रकाशित ‘रोड एक्सीडेंट इन उत्तर प्रदेश 2022’ नाम से वार्षिक पत्रिका की प्रतियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अनुसार वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 11.4 प्रतिशत, मृतकों की संख्या में 6.3 प्रतिशत तथा घायलों की संख्या में 13.9 प्रतिशत की कमी आई है। यह विभाग के सकारात्मक प्रयासों का ही परिणाम है। विभाग द्वारा मंडलों तथा जनपदों में कराई गई सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित क्विज, निबंध लेखन, पोस्टर, स्लोगन आदि प्रतियोगिताओं के साथ ही आयोजित कराए गए सड़क सुरक्षा सप्ताह माह तथा जागरूकता अभियान/रैली आदि कार्यक्रम अत्यन्त सराहनीय रहे हैं।
आगे भी जारी रहेंगी गतिविधियां
पत्र में ये भी कहा गया है कि विद्यालयों में असेंबली के समय बच्चों को तथा विद्यालय प्रबन्ध समिति की बैठक में अभिभावकों को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी देना, मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना आदि गतिविधियों ने भी सड़क दुर्घटनाओं एवं मृतकों की संख्या में कमी लाने के प्रयासों में सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया है। उन्होंने आगे निर्देर्शित किया है कि कहा है कि परिवहन विभाग के पत्र के अनुक्रम में सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों का अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए समस्त गतिविधियां सुचारू रूप से संपन्न कराना जारी रखें।
सभी विभागों से सहयोग की अपील
मालूम हो कि परिवहन विभाग की ओर से अप्रैल में निदेशक (बेसिक एवं माध्यमिक) को पत्र लिखकर विभाग द्वारा प्रकाशित ‘रोड एक्सीडेंट इन उत्तर प्रदेश 2022’ नाम से वार्षिक पत्रिका उपलब्ध कराते हुए इसमें शिक्षा विभाग के सहयोग की सराहना की थी। परिवहन विभाग के एसडीजी गोल 3.6 के अंतर्गत 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही सभी विभागों से पारस्परिक सहयोग की अपील की गई है। विभाग द्वारा रोड सेफ्टी के लिए जो गोल्डेन रूल्स बताए गए हैं, उसमें ड्रिंकिंग एंड ड्राइविंग से बचने, टू व्हीलर में हेलमेट की अनिवार्यता, स्पीड लिमिट का पालन करने, ट्रैफिक नियमों एवं संकेतकों को मानने के साथ ही अपने वाहन को हमेशा फिट रखने समेत अन्य जरूरी निर्देश दिए गए हैं।