Dainik Athah

सचिव (दूरसंचार) और डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष श्री के राजारमन ने रैपिडएक्स का दौरा किया

एलटीई (लॉन्ग टर्म एवोल्यूशन) नेटवर्क पर ईटीसीएस एल2 सिग्नलिंग के सफल कार्यान्वयन पर एनसीआरटीसी टीम की सराहना की

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
सचिव (दूरसंचार) और डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष के राजारामन, संजीव अग्रवाल, सदस्य (प्रौद्योगिकी), मनीष सिन्हा, सदस्य (वित्त) और अन्य वरिष्ठ दूरसंचार अधिकारीयों ने रैपिडएक्स का दौरा किया। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह इस यात्रा में उनके साथ मौजूद थे।
यात्रा के दौरान राजारमन ने अत्याधुनिक रैपिडएक्स ट्रेनसेट और 180 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा करने के लिए डिजाइन किए गए ट्रैक की विशेषताओं का अवलोकन किया। इसके अलावा, सिग्नलिंग और ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के प्रदर्शन को देखने के बाद, उन्होंने एलटीई (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) नेटवर्क पर ईटीसीएस एल2 सिग्नलिंग के सफल कार्यान्वयन पर टीम की सराहना की।

उन्हें 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चलने वाली ट्रेन में मिशन क्रिटिकल वॉयस कम्युनिकेशन और वीडियो एप्लिकेशन का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया। भारत के पहले कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क (सीएनपीएन) लाइसेंस धारक के रूप में, एनसीआरटीसी ने सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल और मिशन क्रिटिकल वॉयस कम्युनिकेशन और वीडियो एप्लिकेशन के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में छळए संचार बैकबोन को लागू करके संचार प्रौद्योगिकी में एक नया मानदंड स्थापित किया है।

रैपिडएक्स कॉरिडोर लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) रेडियो पर हाइब्रिड छ3 के साथ ईटीसीएस एल2 के संयोजन को लागू करने वाली दुनिया की पहली रेल-आधारित प्रणाली है। साथ ही, प्लेटफार्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) भी इस प्रणाली के अंतर्गत लगाए जा रहे हैं। इससे रैपिडएक्स में उच्च सुरक्षा और लाइन क्षमता सुनिश्चित होगी।
एलटीए तकनीक आधारित ईटीसीएस एल 2 सिग्नल्लिंग रैपिडएक्स कॉरिडोर को इंटरआॅपरेबल बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह आरआरटीएस ट्रेनों को एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर में निर्बाध रूप से स्थानांतरित करने की सुविधा देगा और यात्रियों को फेस – 1 के सभी कॉरिडोर में ट्रेनों को बदलने की परेशानी के बिना आराम से यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगा। इंटरआॅपरेबिलिटी न केवल यात्रियों की सुविधा को सुनिश्चित करती है, बल्कि आरएपीआईडीएक्स सिस्टम को किसी खास वेंडर से मुक्त भी बनाती है, जिससे भविष्य के रैपिडएक्स कॉरिडोर के कार्यान्वयन में लागत की बचत होगी।


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