- रिजर्व बैंक का आदेश आते ही मचने लगा हड़कंप
- 30 सितंबर तक बैंकों में बदल सकेंगे 2 हजार के नोट, एक बार में 10 नोट ही बदले जा सकेंगे
- सरकार को उम्मीद काला धन आयेगा बाहर
अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली। रिजर्व बैंक 2000 का नोट सकुर्लेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। दो हजार के नोट 30 सितंबर तक ही प्रचलन में रहेंगे। इसके साथ ही बैंक भी एक बार में मात्र दस नोट ही बदल सकेंगे। इस संबंध में रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने आदेश जारी किया है। बताया जाता है कि दो हजार के नोट जो करीब नौ लाख करोड़ है वह बाजार से गायब है। यह रुपया काला धन भी हो सकता है, जिसके इस आदेश के बाद बाहर आने की संभावना है।
दो हजार का नोट नवंबर 2016 में बाजार में आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। आरबीआई ने साल 2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी है।
आरबीआई ने बैंकों को 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 के नोट लेकर बदलने के निर्देश दिए हैं। एक बार में अधिकतम बीस हजार रुपए कीमत के नोट ही बदले जाएंगे। अब से ही बैंक 2000 के नोट इश्यू नहीं करेंगे।
आरबीआई ने आदेश जारी कर कहा है कि रिजर्व बैंक 2000 का नोट सकुर्लेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। आरबीआई ने कहा कि इसका आॅब्जेक्टिव पूरा होने के बाद 2018-19 में इसकी प्रिटिंग बंद कर दी गई थी। आदेश में लिखा गया है कि वो 2000 के नोट को सकुर्लेशन से बाहर कर रहा है। इसकी कोई तारीख या समय नहीं दिया है। यानी ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
नोट बदलने के लिए क्या-क्या करना होगा, इसका पूरा प्रॉसेस क्या होगा?
बैंक में जाकर इन नोटों को बदला जा सकता है। इसके लिए 30 सिंतबर 2023 तक का समय दिया गया है। नोट बदलने में कोई परेशानी न हो इसलिए बैंकों को भी इसके बारे में जानकारी दी गई है। जानकार बताते हैं कि बाजार में 2000 के नोट से खरीदारी में भी असर दिख सकता है।
जिसके भी पास दो हजार का नोट है उसे बैंक में जाकर बदलना होगा। 2016 में नोटबंदी में 500 और 1000 को नोट को बंद कर दिया गया था। इसे बदलने के लिए टाइम भी दिया गया था, लेकिन लंबी लाइनों के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार भी ऐसा देखने को मिल सकता है।
कालाधन जमा करने वालों के लिए मददगार हो रहा था 2000 का नोट
2016 की नोटबंदी के समय केंद्र सरकार को उम्मीद थी कि भ्रष्टाचारियों के घरों के गद्दों-तकियों में भरकर रखा कम से कम 3-4 लाख करोड़ रुपए का काला धन बाहर आ जाएगा। पूरी कवायद में काला धन तो 1.3 लाख करोड़ ही बाहर आया, मगर नोटबंदी के समय जारी नए 500 और 2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ गायब जरूर हो गए हैं।
दरअसल, रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की 2016-17 से लेकर 2021-22 तक की एनुअल रिपोर्ट्स बताती हैं कि फइक ने 2016 से लेकर अब तक 500 और 2000 के कुल 6,849 करोड़ करंसी नोट छापे थे। उनमें से 1,680 करोड़ से ज्यादा करंसी नोट सकुर्लेशन से गायब हैं। इन गायब नोटों का मूल्य 9.21 लाख करोड़ रुपए है। इन गायब नोटों में वो नोट शामिल नहीं हैं जिन्हें खराब हो जाने के बाद नष्ट कर दिया।
कानून के मुताबिक ऐसी कोई भी रकम जिस पर टैक्स न चुकाया गया हो, ब्लैक मनी मानी जाती है। इस 9.21 लाख करोड़ रुपए में लोगों की घरों में जमा सेविंग्स भी शामिल हो सकती है। मगर उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान इत्र कारोबारी पर पड़े छापों से लेकर हाल में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबियों के पड़े छापों तक हर जगह बरामद ब्लैक मनी में 95% से ज्यादा 500 और 2000 के नोटों में ही था।