- भाजपा में महापौर पद के लिए शुरू हुआ जोड़ तोड़
- वर्तमान हालात में पिछड़ रही निवृतमान महापौर आशा शर्मा
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। निकाय चुनावों के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही महापौर पद के लिए जोर आजमाइश तेज हो गई है। अब महापौर पद के लिए तीन नाम सबसे आगे दौड़ में चल रहे हैं। जबकि निवृतमान महापौर लगातार दौड़ में पिछड़ती जा रही है।
गाजियाबाद में महापौर पद के चुनाव के संबंध में माना जाता है कि भागदौड़ टिकट मिलने तक अधिक होती है, जबकि भाजपा का टिकट मिलने के बाद प्रत्याशी प्रारंभ से ही सबसे आगे माना जाता है। यदि सूत्रों पर भरोसा करें तो वर्तमान समय में भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष सुनीता दयाल एवं यशोदा अस्पताल नेहरूनगर के प्रबंध निदेशक एवं चेयरमैन डा. दिनेश अरोड़ा की पत्नी डा. शशी अरोड़ा में मुकाबला नजदीकी माना जा रहा है। डा. शशी अरोड़ा का नाम भाजपा में लखनऊ से चलना शुरू हुआ है। गाजियाबाद में स्थानीय स्तर पर उन्होंने अभी किसी से भी संपर्क नहीं साधा है।
इसके साथ ही एक नाम और तेजी से उभरकर सामने आया है वह भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष की पत्नी एवं पूर्व महापौर स्व. दमयंती गोयल की पुत्र वधू डा. रूची गर्ग का। रूची चाहे भाजपा में कम सक्रिय हो लेकिन राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति रहती है। उनके नाम को ऐसे ही दरकिनार नहीं किया जा सकता। अपनी पत्नी को समर्थन के लिए मयंक गोयल ने भी भागदौड़ तेज कर दी है।
आज महापौर- नगर पालिका- नगर पंचायत चेयरमैन दावेदारों से मिलेंगे असीम अरुण
भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार में मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण गुरुवार को गाजियाबाद जिले में ही रहेंगे। वे सबसे पहले मोदीनगर क्षेत्र में उस क्षेत्र के नगर पालिका एवं नगर पंचायत चेयरमैन के टिकट दावेदारों से एक एक कर मिलेंगे। इसके बाद वे गाजियाबाद महापौर पद के दावेदारों के साथ ही खोड़ा नगर पालिका चेयरमैन पद के आवेदकों से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के अनुसार वन टू वन की इन मुलाकातों के दौरान संबंधित जिलों के विधायक समेत स्क्रीनिंग कमेटी के अन्य सदस्य भी मौजूद रह सकते हैं।
लोनी नगर पालिका चेयरमैन पद को लेकर स्थिति गंभीर
भाजपा सूत्रों के अनुसार जिले में सबसे गंभीर स्थिति लोनी में उत्पन्न होने जा रही है। यहां पर भाजपा के एक पदाधिकारी के भाई की पुत्र वधू टिकट मांग रही है। उसके खिलाफ पूरी भाजपा एकजुट हो रही है। विधायक नंद किशोर गुर्जर समेत भाजपा के अधिकांश नेताओं का कहना है कि टिकट पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता को मिलना चाहिये। गुर्जर तो यहां तक कहते हैं कि पैसे लेकर टिकट देना और किसी बिल्डर के परिवार वालों को टिकट देना पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपमान है।