Dainik Athah

आईजीएल ने फेर रखी आंखें: न पीने को पानी, बदबू मारता शौचालय

  • सीएनजी स्टेशन असालतनगर के हालात बुरे
  • न आईजीएल कंपनी और न ही सीएनजी पंप आपरेटर का कोई ध्यान

अथाह संवाददाता
मुरादनगर
। दिल्ली- मेरठ रोड पर स्थित आईजीएल के सीएनजी पंप की स्थिति देखरेख के अभाव में बदहाल है। हालत यह है कि न तो पंप पीने का पानी है और शौचालय में गंदगी और बदबू से कोई भी बेहोश हो सकता है। हालात यह है कि आईजीएल के अधिकारी फोन तक उठाना गवारा नहीं करते।
बता दें कि आईजीएल (इंद्र प्रस्थ गैस लिमिटेड) ने दिल्ली- एनसीआर में बड़ी संख्या में कंपनी के सीएनजी पंप खोले हुए हैं। इन पंपों को सेना से सेवानिवृत्त अफसरों को ठेके पर दिया जाता है। अफसर चूंकि सेना के बड़ों से रिटायर है इस कारण वे देखभाल भी कम ही कर पाते हैं। शायद यहीं कारण है कि पंपों पर नागरिक सुविधाओं का पूरी तरह से अभाव है। हम बात कर रहे हैं दिल्ली- मेरठ रोड पर स्थित असालतनगर के सीएनजी पंप की। यहां बाबा आदम के जमाने का वाटर कूलर लगा हुआ है। लेकिन कूलर की स्थिति ऐसी है कि यह कब से बंद पड़ा है इसका भी पता नहीं। वाटर कूलर की न तो लंबे समय से सफाई हुई है और न ही उसमें कोई नल आदि लगा है।

इसके साथ ही शौचालय की स्थिति तो सबसे खराब है। शौचालय को देखने से लगता है कि उसकी वर्षों से सफाई नहीं हुई है। यहां पर लगी मूत्रालय की सीटें सफाई न होने से पीली पड़ गई है। इसके साथ ही चारों तरफ गंदगी बिखरी पड़ी है। यहीं पर लगे वासबेसन की स्थिति भी पूरी तरह से खराब है। उसमें न तो पानी आता है और न ही कभी उसकी सफाई होती है। हालात देखकर लगता है कि इनकी भी कभी सफाई नहीं हुई। इनकी तरफ देखने की फुर्सत न तो आईजीएल के अधिकारियों को है और न ही पंप संचालक को।

क्या कहते हैं सीएनजी पंप संचालक
असालतनगर सीएनजी पंप का पानी बंद कर दिया गया है। अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए सभी आवश्यक खानापूर्ति करने के साथ ही निर्धारित शुल्क भी जमा करवा दिया गया है। जब भी पानी के लिए एनओसी मिलेगी तभी शौचालय हो सकती है तथा वाटर कूलर काम कर सकता है। हमें खुद को इससे परेशानी हो रही है।

कर्नल सेनि तपन भट्टाचार्य

आईजीएल के अधिकारी नहीं उठाते फोन
इस संबंध में सीएनजी पंप पर लिखे मोबाइल नंबर 8506093333 पर दो बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। बताया गया कि यह नंबर आईजीएल के मार्केटिंग अधिकारी का है। लेकिन दो बार फोन मिलाया गया और दोनों बार दूसरी तरफ से फोन काट दिया गया है। इससे पता चलता है कि आईजीएल के अधिकारियों के नंबर केवल दिखावे के लिए है। फोन उठाने का समय इन अधिकारियों के पास नहीं है।


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