21 किमी की दूरी पर बनेंगे 13 स्टेशन
अथाह सवांददाता
गाजियाबाद। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में शुक्रवार को चौथी टनल का सफल ब्रेकथ्रू हुआ। इस टनल का निर्माण कर रही सुदर्शन 8.3 (टनल बोरिंग मशीन) ने गांधीबाग से बेगमपुल स्टेशन के बीच लगभग 750 मीटर लंबी टनल का सफलतापूर्वक निर्माण पूरा कर लिया और बेगमपुल स्टेशन में बनाई गयी टनल रिट्रीविंग शाफ्ट से ब्रेकथ्रू किया।गांधीबाग से बेगमपुल के बीच यह समानांतर टनल है, जिसका निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। सुदर्शन 8.3 ने ही पिछले वर्ष अक्टूबर में गांधीबाग से बेगमपुल के बीच पहली टनल के निर्माण का कार्य पूरा किया था। उल्लेखनीय है कि आरआरटीएस के भूमिगत कॉरिडोर में ट्रेनों की आवाजाही के लिए दो समानांतर टनल निर्मित की जाती हैं। गांधी बाग से बेगमपुल तक की इस समानांतर टनल का निर्माण पूर्ण होने पर इस सेक्शन के टनल का हिस्सा पूरी तरह निर्मित हो चुका है।
मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर की यह चौथी टनल है, जिसका सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हुआ है। इससे पहले भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच का भूमिगत हिस्सा भी पूर्ण रूप से निर्मित हो चुका है, जहां समानांतर टनलों का निर्माण सुदर्शन 8.1 और 8.2 द्वारा पूरा किया गया है।
दो भूमिगत सेक्शन (4 टनल) का निर्माण पूर्ण होने के बाद अब मेरठ के तीसरे और आखिरी भूमिगत सेक्शन की दोनों समानांतर टनल का निर्माण कार्य गति पकड़ रहा है। भैंसाली से बेगमपुल के बीच 1-1 किलोमीटर की दो समानांतर टनल बनाई जानी हैं, इसमें से पहली टनल का निर्माण दो हफ्ते पहले शुरू किया गया है। इस टनल का निर्माण सुदर्शन 8.1 कर रही है। भैंसाली से बेगमपुल के बीच दूसरी समानांतर टनल के निर्माण के लिये सुदर्शन 8.2 को ही भैसाली में दोबारा असेंबल किया जा रहा है। जो भैसाली से बेगुमपुल के बीच की टनल बनाएगी। शुक्रवार को हुए बेगुमपुल के टनल ब्रेकथ्रू में गांधी बाग से बेगमपुल तक की लगभग 750 मीटर लंबी टनल के निर्माण के लिए 3500 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है। इन टनल सेगमेंट की कास्टिंग एनसीआरटीसी के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में, सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ की जा रही है। प्री-कास्टिंग गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए कार्यों के सुरक्षित और तेजी से निष्पादन में मदद करती है।
टनल निर्माण होने के बाद सुरंग के अंदर ट्रैक बिछाने का कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। साथ ही ओएचई और सिग्नल्लींग आदि के कार्य किए जाएंगे। मेरठ के शताब्दीनगर के कास्टिंग यार्ड की ट्रैक स्लैब फैक्ट्री में प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। इन ट्रैक स्लैब को ट्रकों-ट्रेलरों के जरिये टनल की साइट पर ले जाया जाएगा और इन्सटॉल किया जाएगा। संपूर्ण कॉरिडोर को 2025 तक जनता के लिये खोलने के लक्ष्य के अनुरूप यह कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।
मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल, मेरठ में तीन भूमिगत स्टेशन हैं, जिनमें से मेरठ सेंट्रल और भैसाली मेरठ मेट्रो स्टेशन हैं, जबकि बेगमपुल स्टेशन आरआरटीएस और मेट्रो, दोनों सेवाएँ प्रदान करेगा। एनसीआरटीसी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय पारगमन सेवाएं, मेरठ मेट्रो प्रदान करने जा रहा है, जिसमें यात्रियों की सुविधा के लिए 21 किमी की दूरी में 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
82 किमी लंबे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड में जल्द यात्रियों के लिए ट्रेनों का संचालन आरंभ होने वाला है। इस सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन शामिल हैं।