- प्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए कटिबद्ध
- प्रथम चरण में जनपद फरुर्खाबाद, कौशाम्बी, उन्नाव, मैनपुरी, एटा, कासगंज तथा बरेली में आलू क्रय केन्द्र प्रारम्भ
- किसानों को आलू भंडारण में समस्या न हो, इसके लिए शासन स्तर पर नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है
- किसानों को कोल्ड स्टोरेज में आलू भण्डारण में सुगमता हेतु प्रत्येक कोल्ड स्टोरेज पर उद्यान अधिकारी/कर्मचारी तैनात
- हॉफेड के माध्यम से नेपाल को 15 हजार टन आलू निर्यात करने के क्रम में फरूर्खाबाद से पहली खेप रवाना
- मलेशिया, दुबई एवं कतर को 600 टन आलू आगरा से निर्यात: दिनेश प्रताप सिंह
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने आलू किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके इस हेतु बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत उचित औसत गुणवत्ता का आलू 650 रुपये प्रति कुंतल की दर से क्रय किये जाने का निर्णय लिया है। उक्त जानकारी देते हुए उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में जनपद मैनपुरी, एटा, कासगंज, फरूर्खाबाद, कौशाम्बी, उन्नाव एवं बरेली में उप्र राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हॉफेड) के क्रय केन्द्र खोले जा रहे हैं। हॉफेड के स्तर से आलू निर्यात की ठोस कार्यवाही आरम्भ कर दी गयी है और निर्यातकों से मांग भी प्राप्त हो रही है। उप्र राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा भी बाजार हस्तक्षेप योजना के अन्तर्गत सभी जनपदों में आलू उत्पादक क्रय केन्द्र खोले जायेंगे।
उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए कटिबद्ध है और प्रत्येक आवश्यक संसाधनों का उपयोग कर यथोचित योजनायें लागू की गयी है। मार्च, 2023 के प्रथम सप्ताह में प्रदेश के विभिन्न मण्डियों में आलू के थोक बाजार भाव में कमी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में किसानों का आलू सुगमता से शीतगृह में भण्डारित कराना, प्रदेश से बाहर आलू का विपणन कराना, किसानों को लागत का मूल्य दिलाना, भारत सरकार की योजना का किसानों को भण्डारण एवं विपणन पर लाभ दिलाना, मण्डी में ई-नैम व्यवस्था आदि प्रभावी कार्यवाही की गयी।
उद्यान मंत्री ने बताया कि शासन स्तर से प्रतिदिन उद्यान विभाग के अधिकारियों और कोल्ड स्टोरेज के मालिकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कृषकों को आलू भण्डारण में किसी प्रकार की कोई समस्या न आये। इसके अतिरिक्त प्रत्येक कोल्ड स्टोरेज पर उद्यान विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी किसानों को कोल्ड स्टोरेज में आलू भण्डारण में सुगमता हेतु लगायी गयी है।
उद्यान मंत्री ने बताया कि आलू का प्रदेश के बाहर तथा देश के बाहर निर्यात को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में आलू बाहुल्य क्षेत्र विशेषकर फरुर्खाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, बाराबंकी आदि में ई-नैम के माध्यम से आलू विक्रय हेतु ई-ट्रेड की विशेष व्यवस्था लागू की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश से 15000 टन आलू का निर्यात उप्र राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हॉफेड) के माध्यम से नेपाल को निर्यात करने के अनुबन्ध के क्रम में पहली खेप फरूर्खाबाद से रवाना की जा चुकी है। जनपद आगरा से 600 टन आलू का निर्यात मलेशिया, दुबई एवं कतर के लिए भेजा जा चुका है।
उद्यान मंत्री ने बताया कि भारत में उत्तर प्रदेश का आलू उत्पादन में प्रथम स्थान है। प्रदेश में उपभोक्ताओं के लिए पोषणीय आवश्यकता, रोजगार सृजन एवं आर्थिक दृष्टि से नकदी फसल के रूप में आलू का महत्वपूर्ण योगदान है। देश के कुल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है। योगी सरकार के प्रयास से आलू के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में वृद्धि हुई। प्रदेश में इस वर्ष लगभग 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू के आच्छादन के सापेक्ष लगभग 242.93 लाख मी0टन उत्पादन सम्भावित है। सरकार के प्रयास एवं लागू नीतियों के माध्यम से शीतगृहों की संख्या एवं भण्डारण क्षमता में वृद्धि हुई है। इस वर्ष आलू भण्डारण के लिए 1971 शीतगृह संचालित है, जिनकी भण्डारण क्षमता 162.62 लाख मी0टन है। अभी तक मात्र 88.14 लाख मी0टन आलू भण्डारित हुआ है एवं 74.48 लाख मी0टन (45.80 प्रतिशत) की क्षमता भण्डारण हेतु अवशेष है।