जीडीए जे ई बोले होगी एफआईआर
अथाह सवांददाता
गाजियाबाद। एक तरफ सीएम योगी के निर्देशन में जिले में बिना जीडीए मानकों व नक्शा स्वीकृति के किए जा रहे अवैध निर्माण के खिलाफ प्राधिकरण उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह कड़ा रुख अख्तियार किए हैं। जिसके तहत प्रवर्तन खंडों के सभी जोन में अवैध गतिविधियों पर सम्बंधित अधिकारी सुपरवाइजर पैनी नजर रख रहे हैं और अवैध निर्माण के खिलाफ ध्वस्तीकरण व सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है। ऐसे ही एक मामले में प्रताप विहार के एम ब्लॉक के भूखंड संख्या 299 में अवैध रूप से बनाई गई आधा दर्जन दुकानों पर जीडीए ने सीलिंग की कार्रवाई की थी। सीलिंग की कार्रवाई को करीब तीन माह बीत चुके थे। लेकिन तीन दिन पूर्व दुकानों से सील को हटा दिया गया। इस मामले में जोन 4 के जे ई मनोज वशिष्ठ से बात की तो बताया गया कि भूखंड स्वामी ने बिना मानचित्र स्वीकृति के दुकानों का अवैध रूप से निर्माण किया था। इसलिए सीलिंग की कार्रवाई की गई थी।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की बिना अनुमति के दुकानों से स्वयं सील को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा सील तोड़कर पुनः विकास कार्य करने के मामले में दुकान मालिक विकासकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। वहीं दूसरी ओर सूत्र बताते हैं कि दुकानों से सील हटाने में प्राधिकरण अधिकारियों की पर्दे के पीछे सनलिप्प्तता है।सवाल उठता है यदि दुकानें अवैध थी तो तोड़ी क्यों नहीं गई,यदि सीलिंग की कार्रवाई की गई तो सील किस आधार पर हटाई गई। अब देखना होगा कि जीडीए अधिकारी इस धींगामुश्ती पर क्या कार्रवाई अमल में लाता है। चर्चा है कि सील हटाने के मामले में जीडीए कर्मी एक तीर से दो निशाने साध रहे हैं। सूत्रों की माने तो सील तोड़ने के मामले में खेला हुआ है और अब केवल लकीर पीटने की बात हो रही है।