Dainik Athah

सुभाष चंद्र बोस उद्यान के बुलंद होते ही हरियाली पर लगा ग्रहण

जनसहयोग से जिर्णोद्धार हुए पार्क को बदहाल करने की हो रही कोशिश: संजीव

परिवहन विभाग को सीज किये वाहनों की पार्किंग के लिए दिया पार्क का कुछ हिस्सा

निगम कर्मचारियों ने पौधों को उखाड़ा, उद्यमियों ने किया विरोध

विशेष संवाददाता
गाजियाबाद।
हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और। यह कहावत महानगर के सरकारी तंत्र पर बिल्कुल सटीक बैठती है। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र के जिस पार्क का हफ्ते भर पहले ही जीर्णोद्धार किया गया था, बुधवार को नगर निगम के कुछ कर्मचारी उसे उजाड़ने पहुंच गए। इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव सचदेव का कहना है कि भनक लगते ही अन्य उद्यमियों के साथ वह मौके पर पहुंचे और पार्क को पुन: बदहाल होने से बचा लिया। मीडिया को जारी बयान में सचदेव ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि नगर निगम ने पार्क का कुछ हिस्सा परिवहन विभाग को सीज किए गए वाहनों की पार्किंग हेतु दे दिया है। उनका कहना है कि वर्ष 2010 में भी निगम ने इस पार्क में निष्प्रयोजित वाहनों की पार्किंग की अनुमति दे दी थी। जबकि हाईकोर्ट ने यहां अन्य गतिविधियां प्रतिबंधित कर रखी हैं।

गौरतलब है कि औद्योगिक क्षेत्र की सड़क संख्या 9, 10 एवं 34 के मध्य का यह पार्क जो डेढ़ दशक पूर्व जल पलावन के कारण पूर्णतया: नष्ट हो गया था। कुछ माह पूर्व तक जिसमें कूड़े के ढ़ेर लगे थे। सचदेव का कहना है कि कुछ दिन पूर्व यह पार्क सीमा शुल्क विभाग व सीजीएसटी जैसे संगठन, नगर निगम और एनजीओ के संयुक्त प्रयास से जीर्णोद्धार कर जनता को समर्पित किया गया। आठ फरवरी को पार्क के नामकरण व लोकार्पण के अवसर पर मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क एवं सीजीएसटी मेरठ परिक्षेत्र आशीष वर्मा, आयुक्त सीमा शुल्क एवं सीजीएसटी गाजियाबाद आलोक झा, सीजीएसटी गाजियाबाद के वरिष्ठ अधिकारी एवं नगर आयुक्त नितीन गौड़, उद्यान प्रभारी डा. अनुज मुख्य रूप से उपस्थित थे। जिनकी मौजूदगी में बीयर पार्क से पहचाने जाने वाले पार्क को सुभाष चंद्र बोस पार्क नाम दिया गया था।

इस अवसर पर नगरायुक्त ने घोषणा की थी कि पार्क में दौड़ने के लिए ट्रैक, बच्चों के झूले, तालाब आदि का निर्माण भी किया जायेगा। पार्क में करीब डेढ़ हजार पौधे भी रोपित किए गए थे। सचदेव का कहना है कि एक हफ्ते में ही निगम की हकीकत सामने आ गई। उन्होंने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि बिना किसी की अनुमति के निगम कर्मियों ने सौ से अधिक पौधे उखाड़ दिए। उनका कहना है कि पार्क को अतिक्रमण से मुक्त करने की जो लड़ाई लड़ी गई है वह आगे भी जारी रहेगी। उनका कहना है कि वह सरकार से लेकर प्रशासन से बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र में फायर स्टेशन बनवाने की गुहार लगा चुके हैं जाए।

उनका कहना है कि यह खेद का विषय है कि डेढ़ दशक में भी पार्क के जीणोर्धार का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अपितु विकसित किए जा रहे पार्क को कबाड़ वाहनों के डम्पिंग यार्ड के रूप में परिवर्तित करने का कार्य किया जा जा रहा है। जो किसी भी रूप में न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन इस निर्णय का पुरजोर विरोध करता है। पार्क में हरियाली विकसित करने के अलावा अन्य कोई गतिविधि संचालित नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए चाहे संगठन को पुन: माननीय न्यायालय की शरण में ही क्यों न जाने पड़े।

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