भाजपा संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट शुरू
राष्टÑीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष की समीक्षा के बाद बदलाव की चर्चाएं तेज
पद लेकर काम न करने वालों की होगी छुट्टी, नयों को मिलेगा मौका
अशोक ओझा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में बदलाव के संकेत मिलने शुरू हो गये हैं। यह भी तय है कि लगातार पदों को सुशोभित कर रहे ऐसे पदाधिकारियों की छुट्टी भी तय मानी जा रही है जो पद के अनुरूप काम करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। बदलाव की शुरूआत राष्टÑीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद होगी।
बता दें कि भाजपा के राष्टÑीय महासचिव संगठन बीएल संतोष दो दिन के उत्तर प्रदेश प्रवास पर आये थे। इन दो दिनों में उन्होंने प्रदेश के सभी जिला व महानगर अध्यक्षों के साथ बैठक की थी। इसके साथ ही प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों के साथ ही सोशल मीडिया, मीडिया एवं प्रवक्ताओं के साथ भी बैठक की। इन बैठकों में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जो पदाधिकारी लंबे समय से विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं वे यदि पदों के सहारे खुद को सुशोभित कर रहे हैं तो यह नहीं चलने वाला। पद के साथ काम कर दिखाना होगा। जो दौड़ में पिछड़ रहा है समझो वह पद की दौड़ से भी बाहर हो जायेगा। जानकारी के अनुसार उन्होंने यह संदेश प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक के कार्यकर्ताओं को देकर उन पदाधिकारियों को आइना भी दिखाया है जो काम नहीं कर रहे।
सूत्र बताते हैं कि बीएल संतोष उन पदाधिकारियों के कामों की विशेष रूप से समीक्षा कर रहे हैं जो लगातार पदों पर है, लेकिन उसके हिसाब से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे अनेक पदाधिकारी उनके निशाने पर है। इनमें प्रदेश के अनेक पदाधिकारी शामिल है। इसके साथ ही पदों पर कुंडली मारे बैठे उन मंत्रियों से भी अब पद वापस लिये जायेंगे जो मंत्री पद के कारण संगठन की जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। इससे भाजपा के मुख्य संगठन के साथ ही कई मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष पद भी रिक्त हो जायेंगे।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों पर भरोसा करें तो मकर सक्रांति के बाद 16 व 17 जनवरी को दिल्ली में भाजपा की राष्टÑीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। इस बैठक में राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी हो सकती है। इसके बाद ही अवशेष कार्यकाल के लिए प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये भूपेन्द्र सिंह चौधरी को पूर्ण कार्यकाल के लिए अध्यक्ष बनाने की घोषणा होगी। इसके बाद ही संगठन के नये सिरे से कील कांटे दुरुस्त किये जायेंगे। इसमें कुछ वर्तमान ऐसे पदाधिकारियों की छुट्टी भी तय है जो विवादित होने के साथ ही काम करने के मामले में पीछे हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया में सक्रिय न रहने वाले पदाधिकारियों की छुट्टी भी तय मानी जा रही है।