भारत का वर्चस्व विश्व में बढ़ेगा, भारत में कोरोना का प्रभाव नगण्य रहेगा। वर्ष 2023 का राजा व मन्त्री शनि देव रहेंगे। ग्रह गोचर में शनि देव कुंभ राशि पर विचरण करेंगे।
भारत के स्वतंत्रता की जन्म कुंडली के अनुसार वृषभ लग्न में राहु विराजमान हैं। कर्क राशि में शनि देव पराक्रम भाव में बैठे हुए हैं। और वर्ष 2023 शनि देव शुक्र के साथ पंचम भाव में विराजमान है। लग्नेश बुध राहु के नक्षत्र में विचरण कर रहे हैं। उपरोक्त विवेचना के अनुसार यह वर्ष भारत के लिए चुनौतियों से पूर्ण रहेगा यद्यपि राजनीतिक सूझबूझ से अधिकतर समस्याएं का समाधान हो जाएगा।
विश्व में और भारत में हिंसा का दौर शुरू हो सकता है। एक देश दूसरे देश को नीचे दिखाने के लिए कुटिल चाल चलेंगे। ऐसी विषम परिस्थितियों में भारत सबको अपना मार्गदर्शन करेगा ।भारत की नीतियों के कारण विश्व में उसकी प्रशंसा होगी। किसी राजनेता अथवा किसी मंत्री का आकस्मिक अवसान हो सकता है। खेती-बाड़ी फसल के लिए 2023 बहुत अच्छा है। समय अनुसार वर्षा होगी।
प्राकृतिक विषमताएं बनी रहेंगी। भू-स्खलन, अतिवृष्टि, भूकंप, चक्रवात, वज्रपात की घटनाएं बढ़ेगी।
वर्ष कुंडली के अनुसार बृहस्पति अपनी राशि में सप्तम भाव में, शनिदेव अपनी स्वराशि में पंचम भाव में, मंगल भाग्य भाव में विराजमान है। इसके परिणाम स्वरूप वर्ष कुंडली बहुत ही शुभ है ।भारत के विदेश नीति की सराहना पूरा विश्व करेगा। विश्व में भारत का बहुत ही बड़ा योगदान होगा।
यद्यपि भारत में कोरोना महामारी भयावह नहीं होगी। किंतु सावधानी अवश्य बरती जानी चाहिए। मौसमी बीमारियों से भी जन धन की हानि अवश्य होगी।
आतंक, चोरी, डकैती, अपहरण, बलात्कार आदि घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। वैज्ञानिक क्षेत्र में भारत के कई नई उपलब्धियां होंगी। बुध के दुषप्रभाव सेअंतरिक्ष में विस्मयकारी घटनाएं घट सकती है। वृश्चिक राशि के मंगल होने से विश्व में रेल दुर्घटना, हवाई दुर्घटना और सड़क दुर्घटना का प्रयाप्त योग बनेगा।
बृहस्पति अपनी राशि में होने से भारत हिंदू राष्ट्र की ओर अग्रसर होता रहेगा। संविधान में भी कुछ परिवर्तन होने की संभावना है। आध्यात्मिक श्रेणी के लोगों का प्रभुत्व और वर्चस्व विश्व में बढ़ेगा।
शिक्षा,खेल और योग के क्षेत्र में भारत का कीर्तिमान बना रहेगा।