मुख्य सचिव की ओर से प्रदेश के सभी 75 जनपदों में इन्वेस्टर्स समिट कराने के लिए जिलाधिकारियों को दिए गए निर्देश
20 जनवरी तक प्रत्येक जिले में स्थानीय निवेशकों के लिए किया जाएगा इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन
समस्त विभागों को भी अपने स्तर पर इन्वेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश
बाराबंकी में हुए इन्वेस्टर्स समिट में मिले भारी निवेश से उत्साहित है सरकार
बाराबंकी इन्वेस्टर्स समिट में मिले थे 867 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, मात्र 500 करोड़ का था लक्ष्य
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 10-12 फरवरी को आयोजित होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के जरिए 10 लाख करोड़ के निवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विदेशों से लेकर जिलों तक के निवेशकों को निवेश के अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। हाल ही में बाराबंकी में हुए इन्वेस्टर्स समिट में स्थानीय निवेशकों के उत्साह से योगी सरकार काफी प्रभावित है। इसी के दृष्टिगत अब प्रदेश के सभी 75 जनपदों में स्थानीय स्तर पर निवेशकों के लिए इसी तरह की समिट का आयोजन किए जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सभी जिलाधिकारियों को इस आशय का पत्र लिखकर 20 जनवरी तक इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कराने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई स्तर पर प्रयास कर रही है। हाल ही में मंत्रियों व अधिकारियों की 8 टीमें 16 देशों के 21 शहरों में रोड शो व बिजनेस मीटिंग्स के माध्यम से 7.12 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर वापस लौटी हैं। वहीं सात जनवरी से मुंबई समेत देश सात बड़े महानगरों में भी टीम योगी रोड शो करने जा रही है।
निवेशकों की समस्याओं का करना होगा निराकरण
मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलाधिकारियों को दिए गए आदेश में कहा गया है कि बाराबंकी जिला प्रशासन ने 19 दिसंबर, 2022 को एक दिवसीय जनपद स्तरीय निवेशक बैठक का आयोजन किया था। इसमें स्थानीय निवेशकों से जुड़ने, उनकी समस्याओं के निराकरण एवं उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 को बढ़ावा देने के उद्देश्यों को मुख्य रूप से लक्षित किया गया। इस प्रकार के आयोजन से उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में जनपद स्तर पर भी सहभागिता सुनिश्चित होगी, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा एवं जनपद स्तरीय निवेश आशयों को आकर्षित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस दिशा में, आप सभी को 20 जनवरी, 2023 तक आपके जनपद में इसी प्रकार की इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने का निर्देश दिया जाता है। ऐसी बैठकों के माध्यम से जिलाधिकारियों को स्थानीय उद्योगपतियों की लंबित समस्याओं का समाधान कर उनकी शंकाओं व संशयों का निराकरण करना होगा। साथ ही, इस आयोजन के अंतर्गत जिला प्रशासन को ‘उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ हेतु प्रोत्साहित करना होगा एवं बैठक में निवेश आशयों को आकर्षित कर उसे निवेश सारथी पोर्टल पर के माध्यम से समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित करवाना होगा। आदेश के साथ राज्य के प्रत्येक जनपद के संशोधित निवेश लक्ष्यों एवं कार्यक्रम एजेंडा का विवरण प्रदान करने वाली एक संक्षिप्त प्रस्तुति भी संलग्न की गई है। साथ ही, संदर्भ के रूप में बाराबंकी इन्वेस्टर्स समिट के मुख्य अंश भी संलग्न किए गए हैं।
विभागीय स्तर पर आयोजित हो इन्वेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम
जिलाधिकारियों के साथ-साथ मुख्य सचिव ने सभी विभागों को भी 20 जनवरी तक इन्वेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र लिखकर प्रमुख निवेशकों से मिलकर उनकी समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि सभी विभागों को अपने क्षेत्र के प्रमुख एवं बड़े निवेशकों से जुड़कर उनके लंबित मुद्दों का समाधान करना आवश्यक है। विभागीय स्तर पर इस तरह की इन्वेस्टर मीट के आयोजन का विचार इसीलिए महत्वपूर्ण है कि निवेशकों के विश्वास को मजबूत किया जा सके और निवेश सारथी पोर्टल के माध्यम से उनके निवेश इंटेंट को एमओयू में तब्दील किया जा सके। अत: आपसे अनुरोध है कि 20 जनवरी 2022 तक अपने विभाग स्तर पर इन्वेस्टर्स कनेक्ट का आयोजन करें, जिससे अधिक से अधिक निवेश हेतु एमओयू हस्ताक्षर किए जा सकें। साथ ही समिट में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु सभी महत्वपूर्ण निवेशकों को यूपीजीआईएस 2023 हेतु आमंत्रण भी दिया जा सके।
बाराबंकी से मिले थे लक्ष्य से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव
19 दिसंबर को बाराबंकी के कुर्सी रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र में जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन बाराबंकी चैप्टर की ओर से एक दिवसीय इंवेस्टर्स एवं निर्यातक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस दौरान निवेशकों की ओर से करीब 867.2 करोड़ से अधिक के एमओयू साइन किए गए, जबकि जिले को 500 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। इन इंडस्ट्री के शुरू होने से चार हजार से अधिक रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। प्रोग्राम को चार सेशन में आयोजित किया गया, जिसमें निवेशकों को सरकार की योजनाओं, विभिन्न पॉलिसीज की जानकारी, निवेशकों की समस्याएं एवं प्रश्नोत्तर अहम रहे। अब इसी क्रम में अन्य जिलों में भी ऐसे ही कार्यक्रम करके बड़े निवेश प्रस्तावों को आकर्षित करने की योजना है।